Page 10 - NIS - Hindi, 01-15 January 2023
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आवरर कथा शवकास और शवरासत
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के नलए नवशव सतिलीर सड़कें, नसखों का पनवत्र ििा बाबा
नानक-कितािपुि सानहब कॉरििोि। ऐसे अननगनत पहल
भाित के सांसकृनतक वैभव को नरा रूप दे िहे हैं। भाित
नवदेशों से भली अपनली सांसकृनतक धिोहिों को अपनली धितली
पि वापस ला िहा है। आज भाित सवदेश दशयान के नलए
या
15 परटन सनक्कट भली बना िहा है। चाहे िामारण सनक्कट
हो, बौद्ध सनक्कट हो, सूफली सनक्कट हो, तली्थंकि सनक्कट हो,
करोंनक नवकनसत भाित के संकलप को साकाि किने के नलए
शुरू हुई पहल में संसकृनत औि संसकाि एक महतवपूणया कड़ली
है। आज भाित नवदेशली मेहमानों को नदललली हली नहीं, देश के
दूसिे सांसकृनतक स्ानों पि ले जाता है। आज भाित रूनेसको
नवशव धिोहि स्लों में अपनली प्रभावली जगह बना िहा है। आज
भाित संग्रहालरों का ननमायाण कि अपने गौिवशालली इनतहास
का मान बढ़ा िहा है। आज भाित आजादली के इनतहास में
जन-जन कली भूनमका को सामने लाकि देशवानसरों के नदल
में सवतंत्रता सेनाननरों का सममान बढ़ा िहा है। प्रधानमंत्रली
संग्रहालर हो रा नेताजली सुभाषचंद् बोस संग्रहालर, सटटैचरू
ऑफ रूननटली हो रा जनलरांवाला बाग समािक संग्रहालर
का पुनननयामायाण, एक ऐसे नए भाित का ननमायाण हो िहा है जो
नई सोच औि सनदरों पुिानली संसकृनत दोनों को सा् लेकि
आगे बढ़े।
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भारत: एक राष्ट्र ही नहीं, संसकशत और शवचार भी
भाित के नलए धमया का अ्या है, हमािे कतयावरों का
सामूनहक संकलप! हमािे संकलपों का धरेर है, नवशव का
कलराण, मानव मात्र कली सेवा। नकसली िाषट्र का सांसकृनतक
वैभव इतना नवशाल तभली होता है, जब उसकली सफलता का आज एक बार वफर, आजादी
पिचम, नवशव पटल पि लहिा िहा होता है। सफलता के क इस अमृिकाल में अमर
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नशखि तक पहुंचने के नलए भली रह जरूिली है नक िाषट्र अपने
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सांसकृनतक उतकषया को छुए, अपनली पहचान के सा् गौिव से अिंतिका भारि क सांस्तिक
सि उ्ठाकि खड़ा हो जाए। इसनलए, आजादली के अमृतकाल अमरत्व की घोषणा कर रही
में भाित ने ‘गुलामली कली माननसकता से मुशकत’ औि अपनली ह। उज्न जो हजारों िषषों से
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‘नविासत पि गवया’ जैसे पंच प्राण का आह्ान नकरा है। आज भारिीय काल गणना का कद्र
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अरोधरा में भवर िाम मंनदि का ननमायाण पूिली गनत से हो िहा
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है। काशली में नवशवना् धाम, भाित कली सांसकृनतक िाजधानली वबन्दु रहा ह, िो आज एक बार
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का गौिव बढ़ा िहा है। सोमना् में नवकास के कार नए वफर भारि की भव्यिा क एक
या
कलीनतयामान स्ानपत कि िहे हैं। उत्तिाखंि में केदािना्- नए कालखंड का उद् घाेष कर
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बद्लीना् तली्या क्त्र में नवकास के नए अधरार नलखे जा िहे रहा ह।
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हैं। आजादली के बाद पहलली बाि चािधाम प्रोजेकट के जरिए
चािों धाम सभली मौसम के अनुकूल सड़कों से जुड़ने जा िहे - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी
8 न्यू इंडि्ा समाचार 1-15 जनवरी 2023