Page 42 - NIS Hindi 01-15 March,2023
        P. 42
     राष्टट्र  ि्होसर््ष दयानंद सरस्वती
                              व
                      ंद सरस्
                               ती की 200
                                            ीं जय
                                           व
          मह
          महनर््ष दयािंद सरस्वती की 200वीं जयंती समारोह का उद्घाटि
             नर््ष
                    ि
                 दया
                                                                       ट
                                                                     घा
                                                                        ि
                                                 ंती समारोह का उद्
         नव
         नवरासत और नवकास की पटरी
              रासत और
                                            कास की पटरी
                                       नव
          पर र्ल िई ऊंर्ाई छू रहा राष्टट्
          पर      र् ल     ि   ई ऊं      र् ाई छू      रहा राष्ट       ट्
        स्वामरी ियानंि सरस्वतरी का आिशणि था- “कण्वन्तो हवश्वमायणिम्”॥ अथाणित, िम पूरे हवश्व को श्ष््ठ बनाएं, िम पूरे हवश्व
                                             कृ
                                                                                        े
        में श्ष््ठ हवचारों और मानवरीय आिशषों का संचार करें। मिहषणि ने िो मंत् तब हिये थे और समाि के हलए सपने िेखे थे, िेश
            े
        आि उस पर पूरे हवश्वास के साथ आगे बढ़ रिा िै। आि िेश अत्यंत स्वाहभमान के साथ हवरासत और हवकास करी पटररी
                                                       टे
        पर नई ऊंचाइयों के हलए िौड़ रिा िै। ‘वेिों करी ओर लौट’ का आवािन करने वाले मिापुरुष ियानंि सरस्वतरी करी 200वीं
           ियंतरी के उपलक्षय में साल भर चलने वाले समारोि का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोिरी ने 12 फरवररी को हकया उद््घाटन…...
       सा        मानजक  असमानिाओं  से  ननपटने  के
                                या
                 नलए 1875 में आर् समाज कली स्थापना
                 किने वाले समाज सुधािक स्वामली महनषया
                 दर्ानंद  सिस्विली  ने  अननगनि  स्विंत्रिा
        सेनाननर्रों के भलीिि िाष्ट्रप्रेम कली लौ जलाई थली। कहिे
                      े
        हैं एक बाि एक अंग्ज अफसि उनसे नमलने आर्ा औि
        उनसे कहा नक वह भािि में अंग्जली िाज के सदैव बने
                               े
        िहने कली प्राथयाना किें। उन्हरोंने आंख में आंख नमलािे हुए
        ननभथीक जवाब नदर्ा था- “स्वाधलीनिा मेिली आत्मा औि
        भाििवषया कली आवाज है, र्हली मुझे नप्रर् है। मैं नवदेशली
        साम्राज्र् के नलए कभली प्राथयाना नहीं कि सकिा।” िाष्ट्र
        प्रेम कली ऐसली भावना िखने वाले महनषया दर्ानंद सिस्विली
        कली 200वीं जर्िली समािोह का नई नदल्लली में उद्घाटन
                   ं
        कििे हुए प्रधानमंत्रली निरि मोदली ने कहा, “महनषया दर्ानंद
                        ें
        कली 200वीं जर्िली का र्ह अवसि ऐनिहानसक है औि
                   ं
        भनवष्र् के इनिहास को नननमयाि किने का अवसि भली
        है।” आज देश अपनली नविासि पि गवया का आह्ान औि
        देश में आधुननकिा लाने के साथ हली अपनली पिंपिाओं
        को भली समृधि कि िहा है। स्वामली दर्ानंद सिस्विली ने   आय्ष समाज िे सांस्कनतक और सामानजक
                                                                                कृ
        अपने जलीवन में केवल एक मागया हली नहीं बनार्ा, बल्ल्क
        अनेक संस्थाओं का भली सृजन नकर्ा। प्रधानमंत्रली निरि   जागृनत में निभाई महत्वपूण्ष भूनमका
                                              ें
        मोदली ने कहा, “आजादली के अमृिकाल में आज देश उन   12 फरवररी 1824 को िन्मे मिहषणि ियानंि सरस्वतरी एक समाि
        सुधािरों का साषिली बन िहा है जो स्वामली दर्ानंद कली भली   सुधारक थे। हिन्िोंने 1875 में आयणि समाि करी स्थापना करी थरी
        प्राथनमकिाओं में भली शानमल था। आज हम देश में नबना   ताहक उस समय व्याप्त सामाहिक हवषमताओं का मुकाबला
        भेदभाव के नलीनिर्रों औि प्रर्ासरों को आगे बढ़िे देख िहे   हकया िा सके। आयणि समाि ने सामाहिक सुधारों और हशक्ा पर
        हैं। जो गिलीब है, जो नपछड़ा औि वंनचि है, उसकली सेवा   िोर िेकर िेश करी सांस्कहतक और सामाहिक िागृहत में मित्वपू्णणि
                                                                         कृ
        आज देश के नलए सबसे पहला र्ज्ञ है।” प्रधानमंत्रली निरि
                                              ें
        मोदली ने स्मिणोत्सव के नलए एक लोगो भली जािली नकर्ा।  भूहमका हनभाई िै।     n
                                                                               े
                                                                    प्रिानमंत्ी मोदी क संबाेिन को सुनने क  े
                                                                    शलए QR कोि Scan कर ें
          40  न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 माच्च 2023
     	
