Page 44 - NIS Hindi 01-15 March,2023
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राष्टट्र अिृत ि्होोत्सव
जयरामदास दौलतराम : िमक सत्याग्रह
के दौराि नजन्हें अंग्रेजों की गोली लगी
जन्म : 21 जुलाई 1891, ननधन : 1 माचया 1979
प्र डसद्ध स्वतंरिता सेनानी ि्यरामैदास डिर डगरफ्तार हीुए और तीन वर् के डलए
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दौलतरामै का िन्मै 21 िुलाई 1891
निरबंद रहीे। ि्यरामैदास दौलतरामै का
को कराची मैें हीुआ था िो अब परिकाररता और प्ठन-पा्ठन से ्भी गहीरा
पाडकस्तान मैें हीै। एक डसंधी पररवार मैें िन्मैे संबंध रहीा। अपने िीवन काल मैें वही कई
ि्यरामैदास दौलतरामै का अकादडमैक अखबारों से िड़े रहीे। वही इन अखबारों
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करर्यर ्भी शानदार रहीा। उन्हीोंने कानन की और परि-पडरिकाओं मैें देश्भश्क्तपयूणभि लेख
डिग्ी प्राप्त करने के बाद प्रैश्क्टस शुरू की प्रकाडशत करते थे। 1947 मैें डव्भािन के
लेडकन िल्द हीी इसे छोड़ डद्या। वही एक दौरान ि्यरामैदास ने ्भारत मैें रहीने का
बेहीतरीन वक्ता ्भी मैाने िाते थे। डवद्ाथथी िैसला डक्या और उन्हीें डबहीार का राज््यपाल
िीवन मैें हीी उनका संपक्क प्रडसद्ध नेताओं डन्युक्त डक्या ग्या।
सन 1942 और गोपाल कष्ण गोखले, लोकमैान््य डबहीार के राज््यपाल पद से सेवाडनवृत्त
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में वह वफर बाल गंगाधर डतलक, डिरोिशाही मैहीता हीोने के बाद उन्हीोंने ्भारत के दसरे ककृडर् मैरिी
गगरफ्ार हुए िैसे स्वतंरिता सेनाडन्यों से हीो चुका था। के रूप मैें पद्भार सं्भाला। उन्हीोंने ्भारत की
1915 मैें वही मैहीात्मैा गांधी के व््यश्क्तगत संडवधान स्भा मैें पंिाब के एक डनवाभिचन
और तीन संपक्क मैें आए और उनके अनु्या्यी बन क्ेरि का प्रडतडनडधत्व डक्या। 1950 से 1956
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वर्ष क शलए गए। दौलतरामै मैहीात्मैा गांधी के दशभिन से तक ि्यरामैदास ने असमै के राज््यपाल के
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नजरबंद रह। बहीुत अडधक प्र्भाडवत थे और अडहींसा एवं रूप मैें ्भी कामै डक्या। असमै के तत्कालीन
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सत््याग्ही को हीडथ्यार बना स्वतंरिता के डलए राज््यपाल रहीते हीुए ि्यरामैदास दौलतरामै ने
जयरामदास
संघर् करते थे। ि्यरामैदास ने 1916 मैें एनी 15 नवंबर 1953 को मैेघाल्य की रािधानी
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दौलतराम का बेसेंट के हीोमै रूल आंदोलन मैें ्भी ्भाग डशलांग से 45 डकलोमैीटर की दरी पर मैैरांग
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पत्काडरता और डल्या। वो ्भारती्य राष्ट्ी्य कांग्स मैें शाडमैल शहीर मैें श्स्थत ्ययू डतरोत डसही स्मैारक की
हीो गए और 1920 मैें असही्योग आंदोलन आधारडशला रखी थी।
पठन-पाठन स े
मैें बढ़-चढ़ कर डहीस्सा डल्या। 1928 मैें वही सात शहीीदों के सम्मैान मैें डबहीार
भी गहरा डवदेशी वस्रि बडहीष्कार सडमैडत के सडचव डवधानस्भा पररसर के सामैने चौराहीे पर एक
संबि रहा। बने। ि्यरामैदास नमैक मैाचभि और ्भारत स्मैारक का डनमैाभिण डक्या ग्या हीै डिसकी
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छोड़ो आंदोलन के एक प्रमैुख का्यभिकताभि आधारडशला 15 अगस्त, 1947 को
और मैुख््य संग्ठनकताभि थे। आंदोलन के डबहीार के पहीले और तत्कालीन राज््यपाल
दौरान ्भीड़ पर पुडलस की गोलीबारी मैें ि्यरामैदास दौलतरामै ने हीी रखी थी। 1 मैाचभि
उनके पेट मैें ्भी गोली लग गई थी। मैहीात्मैा 1979 को ि्यरामैदास दौलतरामै का डनधन
गांधी की डगरफ्तारी के बाद उन्हीें ्भी डगरफ्तार हीो ग्या। उनकी स्मैृडत मैें ्भारत सरकार ने
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कर िेल ्भि डद्या ग्या। सन 1942 मैें वही 1985 मैें िाक डटकट ्भी िारी डक्या था।
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