Page 26 - NIS - Hindi 01-15 September,2023
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आिरण िथा : 77 िां स्ि्तंत्र्ता कदिस समेारोह
नव मध्यम
वगथ्य का उदय
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दशिों से वीद्चत मध्यम वीगमा िी ओर ध्यान नहीं
कदया गया था, लेकिन बीते 9 वीषथों में मध्यम वीगमा िो
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ववीिास िा सारथी बनाने ि उद्श्य से िद्र सरिार
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ने िई योजनाओं से उन्हें जोड़ा है, ताकि समृधि और
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ववीिजसत भारत ि सपनों िो पूरा िरने ि जलए एि
ततहाई आबादी वीाला मध्यम वीगमा एि आधारतिंभ और
ववीिास िी प्मुख धारा बने...
जब गिीब की खिीद शक्ति बढ़िी
जन और्षकध केंद्रों ने, देश के ्वररष्टठ नागररकों को, देश के मध््यम ही िो मध्यम वगथ्य की त्ापाि शक्ति
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्वगथी्य परर्वार को एक नई ताकत दरी है। हमने जन-और्षकध केंद्र बढ़िी ही। जब गांव की खिीद शक्ति
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से जो द्वाई बाजार में सौ रुप्ये में कमलतरी है ्वो 10, 15, 20 रुप्ये बढ़िी ही, िो कस् औि शहीि की
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में दरी। और आज देश के 10 हजार जन-और्षकध केंद्रों से इन
बरीमाररी में कजनको द्वाई करी जरूरत र्री, ऐसे लोगों के कररीब 20 आक्थणिक व्यवथिा औि िेज गति से
हजार करोड़ रुप्ये बचे हैं। ्ये ज््यादातर मध््यम ्वगथी्य परर्वार के दौड़िी ही। औि यहीी इटि कनेक्ड
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लोग हैं। हीमािा अथथ्य चक्र हीोिा ही। हीम उसको
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n आज उसकरी सर्लता को देखते हुए मैं देश्वाकस्यों को कहना बल दकि आगे चलना चाहीिे ही।
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चाहता हूं जैसे हम एक क्वश््वकमा्य ्योजना लेकर समाज के उस
्वग्य को छूने ्वाले हैं। अब देश में 10 हजार जन-और्षकध केंद्र से
हम 25 हजार जन-और्षकध केंद्र का लक्ष्य लेकर आने ्वाले कदनों
में काम करने ्वाले हैं।
कॉलोनरी में रहते हैं। ऐसे मेरे परर्वारजन अगर अपना मकान
n जब देश में गररीबरी कम होतरी है तब देश के मध््यम ्वगथी्य ्वग्य करी बनाना चाहते हैं तो बैंक से जो लोन कमलेगा उसके ्ध्याज के
ताकत बहुत बढ़तरी है। और मैं आपको क्वश््वास कदलाता हूं आने अंदर राहत देकर लाखों रुप्यों करी मदद करने का हमने कनण्य्य
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्वाले पांच साल में मोदरी करी गारंटरी है, देश पहले तरीन ्वक्श््वक कक्या है।
इकोनॉमरी में अपनरी जगह ले लेगा, ्ये प्तका जगह ले लेगा।
n मेरे मध््यम ्वगथी्य परर्वार को दो लाख से 7 लाख इनकम टै्तस
आज जो साढ़़े 13 करोड़ गररीबरी से बाहर आए हुए लोग हैं ्वो एक करी सरीमा बढ़ जातरी है तो सबसे बड़ा लाभ सैलररी ्तलास को होता
प्रकार से मध््यम ्वगथी्य ताकत बन जाते हैं।
है, मेरे मध््यम ्वगथी्य को होता है। इंटरनेट का डाटा बहुत महंगा
मेरे परर्वारजन जो शहरों में रहते हैं, लेककन ककराए के मकान
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n र्ा 2014 के पहले। अब दुकन्या का सबसे सस्ता इंटरनेट का डटा
में रहते हैं, झुग्गरी-झोपड़री में रहते हैं, चाल में रहते हैं, अनाकधकृत पर खचा्य हो रहा है, हर परर्वार के पैसे बच रहे हैं।
24 न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 डसतंबर 2023