Page 22 - NIS Hindi 01-15 August,2023
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आवरण किा
            अ्मृत ्महोत्सि



                                                             योग केिल संयोग नहीं होिे। 1947 के पहले भारि ने त्नरंिर
                                                             अपने  पुन्जा्णगरण  के  त्लए  अलग-अलग  क्षेरिों में  प्रयास  त्कए।
                                                             अलग-अलग संस्थिाओं ने भारि की आत्मा को ्जगाने के त्लए
                                                             आकार त्लया। इसी का पररणाम थिा त्क 1947 आिे-आिे भारि

                                                             मन और मानस से गुलामी की बेत्ड़यों को िोड़ने के त्लए पूरी िरह
                                                             से िैयार हो गया। उसी िरह अमृि महोत्सि के दौरान प्रधानमंरिी
                                                             नरेंद्र मोदी ने आह्ान त्कया त्क आ्जादी के 75 िष्ण के अिसर पर
                                                             हर त््जले में 75 अमृि सरोिर बनाएं। पररणाम हुआ त्क एक िष्ण से
                                                             कम समय में त्नधा्णररि लक्षय स अत्धक 60 ह्जार से अत्धक अमृि
                                                                                    े
                                                             सरोिर देश भर में बनाए ्जा चुके हैं। बीिे 9 िषगों में केंद्र सरकार
                                                             ने त््जस िरह से त्संचाई, पीने के पानी के त्लए ्जो काम त्कए हैं,
                                                             उसमें अमृि सरोिर पानी के स्ोि बढ़ाने का एक नया माग्ण अमृि
                                                             महोत्सि में बना है। अमृि काल में आत्दिासी इलाकों को स्िस्थि

                                                             िािािरण देने के उद्ेश्य से त्सकल सेल एनीत्मया से मुस्क्ि का
                                                             अत्भयान एक त्मशन बनेगा, िात्क ्जब भारि अपनी आ्जादी का
                                                             शिाब्दी िष्ण मनाए िब इस रोग से ्जन्जािीय पररिारों और राष्ट्
                                                             को मुस्क्ि त्मले। आ्जादी के 100 िष्ण के लक्षय की ओर आगे बढ़िे
                                                             हुए, प्रधानमंरिी नरेंद्र मोदी ने अब अमृिकाल को कि्णव्यकाल का
                                                             नाम त्दया है। इन कि्णव्यों में आध्यास्त्मक मूल्यों का माग्णदश्णन भी
                                                             है, और भत्िष्य के संकल्प भी हैं। इसमें त्िकास भी है, और त्िरासि
        लगभग 2 लाख से अत्धक काय्णरिम देश-त्िदेश में आयोत््जि हो   भी है। आ्ज एक ओर देश में आध्यास्त्मक केंद्रों का पुनरुद्धार हो
        चुके हैं, त््जनमें संपूण्ण सरकार यानी सरकार की सामूत्हक शस्क्ि  रहा है िो साथि ही भारि अथि्णव्यिस्थिा और िकनीक के क्षेरि में
        के साथि 55 मंरिालयों/त्िभागों ने समस्न्िि प्रयासों से ्जन-्जन को   दुत्नया का नेिृत्ि करने की ओर अग्रसर है। आ्ज भारि दुत्नया
        इससे ्जोड़ा है। देखा ्जाए िो औसिन प्रत्ि र्ं्टा 9-10 काय्णरिम   की शीष्ण-5 अथि्णव्यिस्थिा में शात्मल हो चुका है। आ्ज भारि में
        अमृि महोत्सि के िहि हुए हैं।                         दुत्नया का िीसरा सबसे बड़ा स््टा्ट्टअप ईको-त्सस््टम है। त्डत््ज्टल

        अमृत संकल््प को सससधि का आधार

        अमृि महोत्सि ने त्कस िरह से इत्िहास से सीख लेिे हुए िि्णमान
        में ्जोश भरा है और भत्िष्य की ऊ्जा्ण का संचार त्कया है, इसे
        इस उत्सि के दौरान की गत्ित्ित्धयों से भी समझा ्जा सकिा है।
        लेत्कन यह केिल एक पड़ाि भर है। भारि ने अमृि काल के त्लए   अगर ह्म आजादमी के 100 िर््ष पर, भारत
                                                                          ें
        ्जो संकल्प त्लया है, उसकी त्सत्द्ध का आधार अमृि महोत्सि के
                                                                                   ते
        महामंथिन से िैयार कर त्दया है। भारि ्जैसे देश में धात्म्णक और   को नई ऊंचाई पर ल जाना है, तो उसके वलए
        आध्यास्त्मक संस्थिाएं हमेशा से समा्ज उत्थिान के केंद्र में रही हैं।   पररश््म कमी पराकाष््ठा करनमी होगमी। और

        आ्ज देश अपनी आ्जादी के 75 िष्ण पूरे कर चुका है और अगले   पररश््म का कोई शॉट्ट-कट नहीं होता। आजादमी
                                                                              ें
                                                                         ते
        25 िषगों का संकल्प लेकर अमृिकाल में प्रिेश त्कया है। इसत्लए   के बाद, दश ्म जो राजनमीवतक दल हािमी रहते,
        त्िरासि और त्िकास को एक गत्ि त्मल रही है। अमृि महोत्सि में   उन्होंन बहुत सते शॉट्ट-कट अपनाए थते।
                                                                        ते
        सांस्ककृत्िक त्ित्िधिाओं के रंग ने भारि को नया दश्णन कराया है
        और एकिा के सूरि में भी बांधा है।
           देश आ्जादी के 75 िष्ण मना रहा है, लेत्कन इस िरह के            - नरेंद्र ्मोदमी, प्रधान्मंत्मी




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