Page 23 - NIS Hindi 01-15 August,2023
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आवरण किा                                                                                      आवरण किा
 अ्मृत ्महोत्सि                                                                               अ्मृत ्महोत्सि



 योग केिल संयोग नहीं होिे। 1947 के पहले भारि ने त्नरंिर
 अपने  पुन्जा्णगरण  के  त्लए  अलग-अलग  क्षेरिों में  प्रयास  त्कए।
 अलग-अलग संस्थिाओं ने भारि की आत्मा को ्जगाने के त्लए
 आकार त्लया। इसी का पररणाम थिा त्क 1947 आिे-आिे भारि  महारा            ा          म  र      ष                म    ा    र                            म        ा      ा  म      मर  ा  ा          ा        रष    
                                                              
                                                  
                               
                         
                                                                                   
 मन और मानस से गुलामी की बेत्ड़यों को िोड़ने के त्लए पूरी िरह             ा          ा  ा        र    ह      र                    ा      म                ा          ा             ू       ह                      ा              म    म        
                                                                                                       
 से िैयार हो गया। उसी िरह अमृि महोत्सि के दौरान प्रधानमंरिी                                   ू     म      माह          ा                      ा          म  र            हा          -    ध        ा      श                            ा      
                                                 
                                                                                        
                                                            
 नरेंद्र मोदी ने आह्ान त्कया त्क आ्जादी के 75 िष्ण के अिसर पर   म         ू           र      ा            ध        ा            ा            ा  ा  र        ार  ह        ा                          ा      म                        
                                                                   
                                                
                                                                                
 हर त््जले में 75 अमृि सरोिर बनाएं। पररणाम हुआ त्क एक िष्ण से             र                      श          ा  ा      र    हा    र                          ध  ा    श                                    र  ाम                ा          म      
                                                                   
                          
                                                                                                 
 कम समय में त्नधा्णररि लक्षय स अत्धक 60 ह्जार से अत्धक अमृि            ा                                              ा                म    ा                  हा                            ा    ाम          ह              ा    
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 सरोिर देश भर में बनाए ्जा चुके हैं। बीिे 9 िषगों में केंद्र सरकार   र      ार              ाश  म        ाहर    ा              र                            ा            ा                      र                        म  र                
                                                                                                     
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 ने त््जस िरह से त्संचाई, पीने के पानी के त्लए ्जो काम त्कए हैं,     ाम                र        ू    म    र              ा        ा                  ा    र      ार              ाश  म        ाहर    ा        ा      मा  ा-        ा  
                                                        
 उसमें अमृि सरोिर पानी के स्ोि बढ़ाने का एक नया माग्ण अमृि                          ा        र                मझा  ा                      ा                      म                शा      ा        र    हा                      
                                                           
 महोत्सि में बना है। अमृि काल में आत्दिासी इलाकों को स्िस्थि              मा    श                          ा  ह            ह  म              ा              ा      ा                              ाम    र    ाहर    ा      
                                                                             
                           
                              
                                                        
                                                                  
 िािािरण देने के उद्ेश्य से त्सकल सेल एनीत्मया से मुस्क्ि का               ा              श          र        ा                          ा            ा    ह                    ा      म      ह        म              ा                        ा    
 अत्भयान एक त्मशन बनेगा, िात्क ्जब भारि अपनी आ्जादी का       रा                                  ार                                      श          र            र              म              ह                                  ा        
 शिाब्दी िष्ण मनाए िब इस रोग से ्जन्जािीय पररिारों और राष्ट्                              म        ाम    र        ा  रह            ह                  ा                ाम  म                                    ह             ू           
 को मुस्क्ि त्मले। आ्जादी के 100 िष्ण के लक्षय की ओर आगे बढ़िे                         र        ा                ा                                  ा        शू      ह            
 हुए, प्रधानमंरिी नरेंद्र मोदी ने अब अमृिकाल को कि्णव्यकाल का
 नाम त्दया है। इन कि्णव्यों में आध्यास्त्मक मूल्यों का माग्णदश्णन भी
 है, और भत्िष्य के संकल्प भी हैं। इसमें त्िकास भी है, और त्िरासि
 लगभग 2 लाख से अत्धक काय्णरिम देश-त्िदेश में आयोत््जि हो   भी है। आ्ज एक ओर देश में आध्यास्त्मक केंद्रों का पुनरुद्धार हो   ्टरे�ोलॉ्जी और 5्जी ्जैसे क्षेरिों में बड़रे-बड़रे देशों का मुकाबला कर   आज करी सिकास ्या�ा, कल करी सिरासत
 चुके हैं, त््जनमें संपूण्ण सरकार यानी सरकार की सामूत्हक शस्क्ि  रहा है िो साथि ही भारि अथि्णव्यिस्थिा और िकनीक के क्षेरि में   रहा है। दुत्नया में आ्ज त््जिने भी रीयल ्टाइम ऑनलाइन लेनदेन   भारि देश का इत्िहास प्राचीन और सूय्ण त््जिना ही िे्जस्िी है िो
 के साथि 55 मंरिालयों/त्िभागों ने समस्न्िि प्रयासों से ्जन-्जन को   दुत्नया का नेिृत्ि करने की ओर अग्रसर है। आ्ज भारि दुत्नया   हो रहे हैं, उसका 46 प्रत्िशि अकेले भारि में हो रहा है।  आकाशा त््जिना ही त्िशाल भी है। ज्ान-त्िज्ान और समृत्द्ध से स्जा,
 इससे ्जोड़ा है। देखा ्जाए िो औसिन प्रत्ि र्ं्टा 9-10 काय्णरिम   की शीष्ण-5 अथि्णव्यिस्थिा में शात्मल हो चुका है। आ्ज भारि में   अब नया भारि त्कसी त्िशेष के िुस्ष््टकरण की बाि नहीं   शौय्ण-आध्यात्म और कलाकारी से छलकिे गौरिशाली भारि को
 अमृि महोत्सि के िहि हुए हैं।  दुत्नया का िीसरा सबसे बड़ा स््टा्ट्टअप ईको-त्सस््टम है। त्डत््ज्टल   करिा, उसने एक सही रास्िा अपनाया है और िह है- त्िकास   ्जब अंग्रे्जी हुकूमि ने गुलामी की बेत्ड़यों में ्जकड़ा िब आ्जादी
        के माग्ण पर सबका संिुस्ष््टकरण। देश के हर नागररक के त्लए
 अमृत संकल््प को सससधि का आधार  ‘सबका साथि, सबका त्िकास’ की भािना से काम हो रहा   के दीिानों ने अलख ्जगाई। अनत्गनि बत्लदान के बाद अंग्रे्जों की
 अमृि महोत्सि ने त्कस िरह से इत्िहास से सीख लेिे हुए िि्णमान   है। यानी स्ित्ण्णम िष्ण के त्लए नए भारि का संकल्प है- 100   गुलामी से भारि आ्जाद हुआ। लेत्कन त््जस देश को कभी सपेरों का
                                                                                                          ु
 में ्जोश भरा है और भत्िष्य की ऊ्जा्ण का संचार त्कया है, इसे   प्रत्िशि  सैचुरेशन।  ्जैसे-्जैसे  रा्जस्ि  बढ़रेगा,  मदद  पहंचिी   देश कहा ्जािा थिा, िही देश अपने पहले प्रयास में मंगल िक पहंचा।
                                                     ु
 इस उत्सि के दौरान की गत्ित्ित्धयों से भी समझा ्जा सकिा है।   ्जाएगी। आ्ज देश के हर नागररक के त्लए समान भाि से काम   मेक इन इंत्डया, इन िीन शब्दों ने दुत्नया में देश का नाम ऊंचा कर
 लेत्कन यह केिल एक पड़ाि भर है। भारि ने अमृि काल के त्लए   अगर ह्म आजादमी के 100 िर््ष पर, भारत   हो रहा है। बीिे 9 िषगों में देश में लाभात्थि्णयों का एक बड़ा िग्ण   त्दया। आ्ज हर र्र में त्ब्जली है, हर हाथि में मोबाइल फोन है, हर
 ें
 ्जो संकल्प त्लया है, उसकी त्सत्द्ध का आधार अमृि महोत्सि के   िैयार हुआ है। ्जो पहले िंत्चि थिा, उसे अब िरीयिा त्मल रही   ्जेब में त्डत््ज्टल पहचान, हर खािे में डायरेक््ट बेत्नत्फ्ट, हर रसोई
 ते
 महामंथिन से िैयार कर त्दया है। भारि ्जैसे देश में धात्म्णक और   को नई ऊंचाई पर ल जाना है, तो उसके वलए   है। यह ऐसा सच्ा सामात््जक न्याय है त््जसकी कामना पूज्य   में स्िच्छ ईंधन और हर आिास में शौचालय की सुत्िधा सम्मान का
 आध्यास्त्मक संस्थिाएं हमेशा से समा्ज उत्थिान के केंद्र में रही हैं।   पररश््म कमी पराकाष््ठा करनमी होगमी। और   बापू से लेकर डॉ अंबेडकर और राम मनोहर लोत्हया िक, हर   ्जीिन दे रही है। स्िच्छिा और योग नए भारि के संस्कार बन चुके
                                                                         ं
 आ्ज देश अपनी आ्जादी के 75 िष्ण पूरे कर चुका है और अगले   पररश््म का कोई शॉट्ट-कट नहीं होता। आजादमी  महापुरुष ने की थिी। नया भारि इसी रास्िे पर आगे बढ़ रहा   हैं। िसुधैि कु्टुबकम् की भािना से पूरा त्िश्ि हमारा पररिार एक
 ें
 ते
 25 िषगों का संकल्प लेकर अमृिकाल में प्रिेश त्कया है। इसत्लए   के बाद, दश ्म जो राजनमीवतक दल हािमी रहते,   है। आने िाले कालखंड के त्लए सबको ध्यान रखना चात्हए   सोच बन चुकी है। त््जस भारि के त्बखरने की भत्िष्यिाणी अंग्रे्जों न  े
 त्िरासि और त्िकास को एक गत्ि त्मल रही है। अमृि महोत्सि में   उन्होंन बहुत सते शॉट्ट-कट अपनाए थते।  त्क देश के गरीब को परेशात्नयों से मुक्ि करना है। इसके   की थिी, िह आ्ज 140 करोड़ की आबादी के साथि त्िशाल लोकिंरि
 ते
 सांस्ककृत्िक त्ित्िधिाओं के रंग ने भारि को नया दश्णन कराया है   त्लए हर व्यस्क्ि िक पहंचने के लक्षय के साथि उसे त्कसी एक   के रूप में त्नखर चुका है।
                           ु
 और एकिा के सूरि में भी बांधा है।  यो्जना का लाभ देना नहीं, बस्ल्क सभी यो्जनाओं से ्जोड़ना   अगर भारि के त्िकास की िा्जा गत्ि को देखें िो केिल
 देश आ्जादी के 75 िष्ण मना रहा है, लेत्कन इस िरह के   - नरेंद्र ्मोदमी, प्रधान्मंत्मी  है, त््जसके िे पारि हैं।  8-10 साल पहले ही देश में ्जन्म प्रमाण परि लेने से लेकर त्बल




 20  न्ययू इंटडया समेाचार   1-15 अगस्त 2023                                         न्ययू इंटडया समेाचार   1-15 अगस्त 2023  21
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