Page 10 - NIS Hindi November 16-30
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संनवधान सभा की नवनभन्न सनमनतयरों के अधयक्ष
        प्रनरिरा नविरक ननरमों संबंधली, संचालन सनमनत,   आवास सनमनत                  कार संचालन संबंधली सनमनत
                                                                                       या
      n                                        n                                 n
          नवत्त-ट्टाफ सनमनत, राषरिलीर धवज संबंधली तद्या सनमनत     बमी. ्पट्ारभ समीतारमैय्ा       िे.एम. मुनरमी
                                                                                       या
        िा. राजेनद्र प्साद                     n  राजरों संबंधली सनमनत, संघलीर शस्कतरों   n  कारकरण संबंधली सनमनत
                                                                                               ं
         प्रतरर-पत्र संबंधली सनमनत               संबंधली सनमनत, संघलीर संनवधान सनमनत      जमी.वमी. मावििर
      n
           अिारद िष्णा्वाममी अय्र                जवाहरिाि नेहरू                  n मौनलक अनधकार, अलपसंखरकों
                 ृ

                ऐसे तैयार हुआ िदनया का सबसे बडा संदिधान
                                               ु


                                                       िर 1895
                                                         मा

                   सबसे पहले विया 1895 में बाल गंगाधर नतलक विारा   विया 1922 में राषरिनपता महातमा गांधली ने मांग कली नक भारत का

                                                         मा
           भारतविया का संनवधान भारतलीरों विारा बनाए जाने कली मांग कली गई   िर 1922  राजनैनतक भागर भारतलीर ट्वरं बनाएंगे। 1924 में पं. मोतलीलाल
                                     े
                          ्ली। लेनकन अंग्जों ने इसे ठुकरा नदरा।    नेहरू ने भली संनवधान सभा के गठन कली नफर मांग कली लेनकन
                                                                   अंग्जों ने इससे नफर इंकार कर नदरा।
                                                                      े
                                                         मा
         …       1939 में कांग्ेस अनधवेशन में एक प्रट्ताव पाररत नकरा गरा,   िर 1939
           नजसमें कहा गरा नक ट्वतंत्र देश के संनवधान के ननमायाण के नलए   1942 में नरिपस कमलीशन ने अपनली ररपोट्ट प्रट्तयुत कली, नजसमें
           संनवधान सभा हली एकमात्र उपार है और अंततः 1940 में नरिनटश   िर 1942  कहा गरा नक भारत में ननवायानचत संनवधान सभा का गठन नकरा
                                                         मा
         सरकार ने इस मांग को मान नलरा नक भारत का संनवधान भारत के   जाएगा, जो भारत का संनवधान तैरार करेगली।
                                  लोगों विारा हली बनारा जाए।
                                                                   11 रदसमबर 1946 ियो हुई संरवधान सभा िमी
                              9 नदसमबर 1946 को संनवधान सभा     िर 1946  बैिि में िा. राजेनद्र प्साद ियो संरवधान सभा िा
                                                         मा
                  सनचिदानंद नसनहा कली अधरक्ता में पहलली बार बनाई गई   अध्क्ष चुना ग्ा और वे संरवधान िे रनमाषिण
                  ्ली, लेनकन मयुस्ट्लम ललीग ने अलग पानकट्तान बनाने कली   िा िा्षि ्पयूरा हयोने ति इस ्पद ्पर रहे।
                        मांग को लेकर इस बैठक का बनहषकार नकरा।
                                                       िर 1947
                                                         मा
                      »  29 अग्त 1947 ियो ्वतत् भारत में सरवधान सभा विारा सरवधान रनमाषित्मी सरमरत िा गिन रि्ा ग्ा, रजसिा अध्क्ष सवषि
                                                             ं
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                                   े
                 सममरत से िॉ. भमीमराव अंाबििर ियो बना्ा ग्ा। सरवधान सभा ि तहत िि 16 सरमरत्ां बनाई गईं। आजादमी ि ्पहिे सरवधान सभा
                                                                  ु
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                      में 389 सद्् थिे। िरिन ्पारि्तान ि अिग हयोने ि बाद इसमें राज्वार 229 और रर्ासतों ि 70 प्रतरनरध रारमि हुए।
                                                                                              यु
     n  संनवधान सभा कुल 11 सत्रों के नलए बैठली ्ली। संनवधान सभा का 11 वां सत्र   n  शांनत ननकेतन के कलाकरों ने इसके हर पृषठ को संदर नचत्रों से सजारा। संसद
       14-26 नवंबर 1949 के बलीच आरोनजत नकरा गरा ्ा। 24 जनवरली 1950   भवन में आज भली रह मूल प्रनत नाइरिोजन गैस से भरे चेंबर में रखली गई हैं।
       को 284 सदट्रों ने इस पर हट्ताक्र नकए।               n  संनवधान कली पहलली 1000 हजार प्रनत देहरादून स्ट््त प्रेस में नल्ोग्ाफली
                    यु
     n  भारतलीर संनवधान दननरा में सबसे लंबा संनवधान है। अपने वतयामान रूप   नप्रंनटग के जररए प्रकानशत कली गई ्ली।
                                     यु
       में, इसमें एक प्रट्तावना, 22 भाग, 448 अनचछेद और 12 अनसूनचरां हैं।   n  जब संनवधान का ननमायाण हआ उस समर दननरा के कई दूसरे नहट्सों में
                                                 यु
                                                                                यु
                                                                                           यु
       संनवधान के ननमायाण पर कुल 64 लाख रुपरे का खचया आरा ्ा।  मनहलाओं  को  बननरादली  अनधकार  भली  हानसल  नहीं  ्े।  लेनकन  भारत  कली
                                                                        यु
           यु
     n  रह दननरा के नकसली भली देश का अकेला ऐसा संनवधान है नजसे हट्तनलनखत   संनवधान सभा में 15 मनहलाओं को भली शानमल नकरा गरा ्ा। इनमें सरोनजनली
                                                                                                     यु
       नकरा गरा। भारतलीर संनवधान के अंग्जली और नहंदली के दोनों संट्करण नदललली   नारड, राजकुमारली अमृत कौर, हंसबेन जलीवराज मेहता, सचेता कृपलानली,
                                                                 टू
                                े
       के रहने वाले प्रेम नबहारली नारारण रारजादा ने इटैनलक शैलली में नलखे।   एनली माट्कारेन, नवजरलक्मली पंनडत, रेनका रे,पूनणयामा बनजवी, मालतली चौधरली,
                                                                                       यु
       रारजादा ने इसके नलए कोई पैसा नहीं नलरा, बस्लक संनवधान के हर पृषठ   ललीला रॉर, कमला चौधरली, बेगम एजाज रसूल, दनक्णानली वेलारयुद्ध, अममू
                                                                                  यु
       पर अपना और अंनतम पेज पर अपने दादाजली का नाम नलखने कली शतया रखली ।  ट्वामलीना्न और दयुगायाबाई देशमख शानमल ्ीं।
          8  न्यू इंडिया समाचार
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