Page 58 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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राष्ट्र प्रधनामंत्री का बलॉग
नहीं आता लेनकन मैं बस रहली चाहतली हूं नक तुम कभली रिशवत नहीं
े
मां हम भाई-बहनों क मलए आशरीिा्यद
लेना।’’
मांगिरी थीं। संिों से कहिरी थीं वक रहां नदललली आने के बाद मां से नमलना-जुलना औि भली कम हो
मेररी संिानों को आशरीिा्यद दरीमजए गरा है। जब गांधलीनगि जाता हूं तो कभली-कभाि मां के घि जाना
होता है। मां से नमलना होता है, बस कुछ पलों के नलए। लेनकन
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वक िो दूसरों क सुि में सुि दिें और
मां के मन में इसे लेकि कोई नािाजगली रा दुख का भाव मैंने आज
े
दूसरों क दुि से दुिरी हों। मेरे बच्ों में
तक महसूस नहीं नकरा। मां का स्ह मेिे नलए वैसा हली है, मां का
े
भक्ति और सेिाभाि पैदा हो उन् ऐसा आशलीवायाद मेिे नलए वैसा हली है। मां अकसि पूछतली हैं- नदललली में
ें
आशरीिा्यद दरीमजए। अचछा लगता है? मन लगता है?
वो मुझे बाि-बाि राद नदलातली हैं नक मेिली नचंता मत नकरा किो,
दुखली हुए। वो थोड़ा नखन्न होकि बोले- तुम जानो, तुमहािा काम तुम पि बड़ली नजममेदािली है। मां से जब भली फोन पि बात होतली है तो
जाने। लेनकन मैंने कहा नक मैं ऐसे नबना आशलीवायाद घि छोड़कि रहली कहतली हैं नक “देख भाई, कभली कोई गलत काम मत किना,
नहीं जाऊंगा। मां को मेिे बािे में सब कुछ पता था हली। उनहोंने नफि बुिा काम मत किना, गिलीब के नलए काम किना।”
मेिे मन का सममान नकरा। वो बोलीं नक जो तुमहािा मन किे, वहली आज अगि मैं अपनली मां औि अपने नपता के जलीवन को देखूं, तो
किो। हां, नपताजली कली तसललली के नलए उनहोंने उनसे कहा नक वो उनकली सबसे बड़ली नवशेषताएं िहली हैं ईमानदािली औि ट्वानभमान।
चाहें तो मेिली जनमपत्रली नकसली को नदखा लें। हमािे एक रिशतेदाि को गिलीबली से जूझते हुए परिस्ट्थनतरां कैसली भली िहली हों, मेिे माता-नपता
जरोनतष का भली ज्ञान था। नपताजली मेिली जनमपत्रली के साथ उनसे नमले। ने ना कभली ईमानदािली का िाट्ता छोड़ा ना हली अपने ट्वानभमान से
जनमपत्रली देखने के बाद उनहोंने कहा नक “उसकली तो िाह हली कुछ समझौता नकरा। उनके पास हि मुस्शकल से ननकलने का एक हली
अलग है, ईशवि ने जहां तर नकरा है, वो वहीं जाएगा।” तिलीका था- मेहनत, नदन िात मेहनत।
इसके कुछ घंटों बाद हली मैंने घि छोड़ नदरा था। तब तक नपताजली नपताजली जब तक जलीनवत िहे उनहोंने इस बात का पालन नकरा
भली बहुत सहज हो चुके थे। नपताजली ने मुझे आशलीवायाद नदरा। घि से नक वो नकसली पि बोझ नहीं बनें। मेिली मां आज भली इसली प्ररास में
ननकलने से पहले मां ने मुझे दहली औि गुड़ भली नखलारा। वो जानतली िहतली हैं नक नकसली पि बोझ नहीं बनें, नजतना संभव हो पाए, अपने
थीं नक अब मेिा आगे का जलीवन कैसा होने जा िहा है। मां कली ममता काम खुद किें।
नकतनली हली क्ठोि होने कली कोनशश किे, जब उसकली संतान घि से दूि आज भली जब मैं मां से नमलता हूं, तो वो हमेशा कहतली हैं नक
जा िहली हो, तो नपघल हली जातली है। मां कली आंख में आंसू थे लेनकन “मैं मिते समर तक नकसली कली सेवा नहीं लेना चाहतली, बस ऐसे हली
मेिे नलए खूब सािा आशलीवायाद भली था। चलते-नफिते चले जाने कली इचछा है।”
घि छोड़ने के बाद के वषषों में, मैं जहां िहा, नजस हाल में िहा, मां मैं अपनली मां कली इस जलीवन रात्रा में देश कली समूचली मातृशस्कत
के आशलीवायाद कली अनुभूनत हमेशा मेिे साथ िहली। मां मुझसे गुजिातली में के तप, तराग औि रोगदान के दशयान किता हूं। मैं जब अपनली मांं
हली बात कितली हैं। गुजिातली में तुम के नलए तू औि आप के नलए तमे औि उनके जैसली किोड़ों नारिरों के साम्थरया को देखता हूं, तो मुझे
कहा जाता है। मैं नजतने नदन घि में िहा, मां मुझसे तू कहकि हली बात ऐसा कोई भली लक्र नहीं नदखाई देता जो भाित कली बहनों-बेनटरों
कितली थीं। लेनकन जब मैंने घि छोड़ा, अपनली िाह बदलली, उसके बाद के नलए असंभव हो।
कभली भली मां ने मुझसे तू कहकि बात नहीं कली। वो आज भली मुझे आप अभाव कली हि कथा से बहुत ऊपि, एक मां कली गौिव गाथा होतली
रा तमे कहकि हली बात कितली हैं। है। संघषया के हि पल से बहुत ऊपि, एक मां कली इचछाशस्कत होतली
मेिली मां ने हमेशा मुझे अपने नसधिांत पि िटे िहने, गिलीब के नलए है। मां, आपको जनमनदन कली बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आपका
काम किते िहने के नलए प्रेरित नकरा है। मुझे राद है, जब मेिा जनम शताबदली वषया शुरू होने जा िहा है। सावयाजननक रूप से कभली
मुखरमंत्रली बनना तर हुआ तो मैं गुजिात में नहीं था। एरिपोट्ड से मैं आपके नलए इतना नलखने का, इतना कहने का साहस नहीं कि
सलीधे मां से नमलने गरा था। खुशली से भिली हुई मां का पहला सवाल पारा। आप ट्वट्थ िहें, हम सभली पि आपका आशलीवायाद बना िहे,
रहली था नक करा तुम अब रहीं िहा किोगे? मां मेिा उत्ति जानतली ईशवि से रहली प्राथयाना है।
थीं। नफि मुझसे बोलीं- “मुझे सिकाि में तुमहािा काम तो समझ
नमन। n
56 न्यू इंनि्ा समाचार 1-15 जुलाई 2022