Page 55 - NIS Hindi 01-15 July 2022
P. 55

राष्ट्र  प्रधनामंत्री का बलॉग




          जे्ठाभाई जोशली जली थे करा उनके परिवाि से कोई उस
          कारयाक्म में आएगा? बचपन में मेिली शुरुआतली पढ़ाई-
          नलखाई, मुझे अक्िज्ञान गुरुजली जे्ठाभाई जोशली जली ने
          किारा था। मां को उनका धरान था, रे भली पता था नक
          अब जोशली जली हमािे बलीच नहीं हैं। वो खुद नहीं आईं

          लेनकन जे्ठाभाई जोशली जली के परिवाि को जरूि बुलाने
          को कहा।
             अक्ि ज्ञान के नबना भली कोई सचमुच में नशनक्त
          कैसे होता है, रे मैंने हमेशा अपनली मां में देखा। उनके
          सोचने का दृस्षटकोण, उनकली दूिगामली दृस्षट, मुझे कई
          बाि हैिान कि देतली है।
             अपने नागरिक कतयावरों के प्रनत मां हमेशा से बहुत
          सजग िहली हैं। जब से चुनाव होने शुरू हुए पंचारत
          से पानलयारामेंट तक के इलेकशन में उनहोंने वोट देने

          का दानरतव ननभारा। कुछ समर पहले हुए गांधलीनगि
          मरूनननसपल  कॉिपोिेशन  के  चुनाव  में  भली  मां  वोट
          िालने गई थीं।
             कई बाि मुझे वो कहतली हैं नक देखो भाई, पस्बलक का
          आशलीवायाद तुमहािे साथ है, ईशवि का आशलीवायाद तुमहािे
          साथ है, तुमहें कभली कुछ नहीं होगा। वो बोलतली हैं नक
          अपना  शिलीि  हमेशा  अचछा  िखना,  खुद  को  ट्वट्थ

          िखना करोंनक शिलीि अचछा िहेगा तभली तुम अचछा काम
          भली कि पाओगे।
             एक समर था जब मां बहुत ननरम से चतुमायास नकरा
          कितली थीं। मां को पता है नक नविानत्र के समर मेिे
          ननरम करा हैं। पहले तो नहीं कहतली थीं, लेनकन इधि
          बलीच वो कहने लगली हैं नक इतने साल तो कि नलरा अब
          नविानत्र के समर जो कन्ठन व्रत-तपट्रा किते हो, उसे
          थोड़ा आसान कि लो।
             मैंने अपने जलीवन में आज तक मां से कभली नकसली

          के नलए कोई नशकारत नहीं सुनली। ना हली वो नकसली कली   मां से जब भरी फोन पर बाि
          नशकारत कितली हैं औि ना हली नकसली से कुछ अपेक्ा
                                                                       ै
                                                                                             ै
          िखतली हैं।                                          होिरी ह िो यहरी कहिरी ह वक
             मां के नाम आज भली कोई संपनत्त नहीं है। मैंने उनके   “दि भाई, कभरी कोई गलि
                                                                  े
          शिलीि पि कभली सोना नहीं देखा। उनहें सोने-गहने का
          कोई मोह नहीं है। वो पहले भली सादगली से िहतली थीं औि   काम मि करना, बुरा काम मि
                                                                                   े
          आज भली वैसे हली अपने छोटे से कमिे में पूिली सादगली से   करना, गररीब क मलए
          िहतली हैं। ईशवि पि मां कली अगाध आट्था है, लेनकन     काम करना।“
          वो अंधनवशवास से कोसो दूि िहतली हैं। हमािे घि को




                                                                                    न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 जुलाई 2022 53
   50   51   52   53   54   55   56   57   58   59   60