Page 56 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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राष्ट्र  प्रधनामंत्री का बलॉग















































          उनहोंने हमेशा अंधनवशवास से बचाकि िखा। वो शुरु से       आशचरचनकत िह गरा।
                                                                       या
          कबलीिपंथली िहली हैं औि आज भली उसली पिंपिा से अपना       उनकली तेज राद्ाशत से जुड़ली एक औि बात मुझे राद

          पूजा-पा्ठ कितली हैं। हां, माला जपने कली आदत सली पड़    आ िहली है। रे 2017 कली बात है जब मैं रूपली चुनाव के
          गई है उनहें। नदन भि भजन औि माला जपना इतना जरादा       आनखिली नदनों में, काशली में था। वहां से मैं अमदाबाद गरा
          हो जाता है नक नींद भली भूल जातली हैं। घि के लोगों को   तो मां के नलए काशली से प्रसाद लेकि भली गरा था। मां से
          माला नछपानली पड़तली है, तब जाकि वो सोतली हैं, उनहें नींद   नमला तो उनहोंने पूछा नक करा काशली नवशवनाथ महादेव
          आतली है।                                              के दशयान भली नकए थे? मां पूिा हली नाम लेतली हैं- काशली
             इतने बिस कली होने के बावजूद, मां कली राद्ाशत अब    नवशवनाथ महादेव। नफि बातचलीत में मां ने पूछा नक करा
          भली बहुत अचछली है। उनहें दशकों पहले कली भली बातें अचछली   काशली नवशवनाथ महादेव के मंनदि तक जाने का िाट्ता अब

          तिह राद हैं। आज भली कभली कोई रिशतेदाि उनसे नमलने      भली वैसा हली है, ऐसा लगता है नकसली के घि में मंनदि बना हुआ
          जाता है औि अपना नाम बताता है, तो वो तुिंत उनके        है। मैंने हैिान होकि उनसे पूछा नक आप कब गई थीं? मां
          दादा-दादली रा नाना-नानली का नाम लेकि बोलतली हैं नक    ने बतारा नक बहुत साल पहले गईं थीं। मां को उतने साल
          अचछा तुम उनके घि से हो।                               पहले कली गई तलीथया रात्रा भली अचछली तिह राद है।
             दुननरा में करा चल िहा है, आज भली इस पि मां कली      मां में नजतनली जरादा संवेदनशलीलता है, सेवा भाव है, उतनली हली
          नजि िहतली है। हाल-नफलहाल में मैंने मां से पूछा नक    जरादा उनकली नजि भली पािखली िहली है। मां छोटे बच्चों के उपचाि
          आजकल टलीवली नकतना देखतली हों? मां ने कहा नक टलीवली   के कई देसली तिलीके जानतली हैं। विनगि वाले घि में तो अकसि
          पि तो जब देखो तब सब आपस में झगड़ा कि िहे होते         हमािे रहां सुबह से हली कताि लग जातली थली। लोग अपने 6-8
          हैं। हां, कुछ हैं जो शांनत से समझाते हैं औि मैं उनहें   महलीने के बच्चों को नदखाने के नलए मां के पास लाते थे।

          देखतली हूं। मां इतना कुछ गौि कि िहली हैं, रे देखकि मैं   इलाज किने के नलए मां को कई बाि बहुत बािलीक पाउिि



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