Page 53 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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राष्ट्र प्रधनामंत्री का बलॉग
कट्बे में जब नकसली के शादली-बराह में सामूनहक भोज का तरोहािों के समर आसपास के कुछ बच्चे हमािे रहां हली
आरोजन होता था तो वहां जाने से पहले मां सभली को रे आकि खाना खाते थे। उनहें भली मेिली मां के हाथ का बनारा
बात जरूि राद नदलातली थीं नक खाना खाते समर अन्न खाना बहुत पसंद था।
मत बबायाद किना। घि में भली उनहोंने रहली ननरम बनारा हमािे घि के आसपास जब भली कोई साधु-संत आते
हुआ था नक उतना हली खाना थालली में लो नजतनली भूख हो। थे तो मां उनहें घि बुलाकि भोजन अवशर किातली थीं।
मां आज भली नजतना खाना हो, उतना हली भोजन अपनली जब वो जाने लगते, तो मां अपने नलए नहीं बस्लक हम
थालली में लेतली हैं। आज भली अपनली थालली में वो अन्न का भाई-बहनों के नलए आशलीवायाद मांगतली थीं। उनसे कहतली
एक दाना नहीं छोड़तीं। ननरम से खाना, तर समर पि थीं नक “मेिली संतानों को आशलीवायाद दलीनजए नक वो दूसिों
खाना, बहुत चबा-चबा के खाना इस उम्र में भली उनकली के सुख में सुख देखें औि दूसिों के दुख से दुखली हों। मेिे
आदत में बना हुआ है। बच्चों में भस्कत औि सेवाभाव पैदा हो उनहें ऐसा आशलीवायाद
मां हमेशा दूसिों को खुश देखकि खुश िहा कितली दलीनजए”।
हैं। घि में जगह भले कम हो लेनकन उनका नदल बहुत मेिली मां का मुझ पि बहुत अटूट नवशवास िहा है। उनहें
बड़ा है। हमािे घि से थोड़ली दूि पि एक गांव था नजसमें अपने नदए संट्कािों पि पूिा भिोसा िहा है। मुझे दशकों
मेिे नपताजली के बहुत किलीबली दोट्त िहा किते थे। उनका पुिानली एक घटना राद आ िहली है। तब तक मैं संग्ठन
बेटा था अबबास। दोट्त कली असमर मृतरु के बाद नपताजली में िहते हुए जनसेवा के काम में जुट चुका था। घिवालों
अबबास को हमािे घि हली ले आए थे। एक तिह से अबबास से संपक्फ ना के बिाबि हली िह गरा था। उसली दौि में एक
हमािे घि में हली िहकि पढ़ा। हम सभली बच्चों कली तिह मां बाि मेिे बड़े भाई, मां को बद्लीनाथ जली, केदािनाथ जली के
अबबास कली भली बहुत देखभाल कितली थीं। ईद पि मां, दशयान किाने के नलए ले गए थे। बद्लीनाथ में जब मां ने
अबबास के नलए उसकली पसंद के पकवान बनातली थीं। दशयान नकए तो केदािनाथ में भली लोगों को खबि लग गई
न्यू इंडि्ा समाचार 1-15 जुलाई 2022 51