Page 32 - NIS Hindi september 01-15, 2022
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अमृत काल का भारेत


          औरे नारेी िक्ति


        भञारत की अमृत र्ञात्रञा हर सञाल अपने नए लक्ष् की ओर
                                              ै
                              ै
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        अग्सर ह, लककन हमें कसे आगे बढ़नञा ह तञाकक भञारत कञा
        अमृत सपनञा हो सञाकञार, प्धञानमंत्री मोिी ने लञाल ककल की
                                                           े
        प्ञाचीर से बतञार्ञा…








                                                                     हम इि पर सजतिा ध्याि देंगे, हम

                                                                     सजतिे ज्यादा अविर हमारी बेस्टयों
           ··हमारे पास 75 साल का अनुभव है, हमने 75 साल म कई
                                              ें
         n                                                           को देंगे, सजतिी िसवधाएं हमारी
                                                                                         ु
                            ैं
           कसकधियां भी हाकसल की ह। हमने 75 साल के अनुभव म नए
                                                 ें
                                                                                       ें
                        ैं
           सपने भी संजोए ह, नए संक्कप भी कलए ह। लेककन अमृत           बेस्टयों के सलए कसद्रत करेंगे, आप
                                        ैं
           काल के कलए हमारे मानव संसाधन का इष्टतम पररणाम             देखिा वो हमें बहुत कु्छ लौ्टाकर
           कैसे कमल? हमारी प्राकृकतक संपदा का इष्टतम पररणाम          देंगी। वो देश को इि ऊंचाई पर ले
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           कैसे हाकसल हो? इस लक्षय को लेकर हमें चलना है।             जाएंगी।
                                             े
           ··आपने देखा होगा, आज अदालत के अंदर दकखए
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           हमारी वकील के क्षेत् में काम करने वाली हमारी नारी
           िल्क्त ककस ताकत के साथ नजर आ रही है। आप
           ग्ामीण क्षेत् में जनप्रकतकनकध के रूप में दकखए। हमारी
                                         े
           नारी िल्क्त ककस कमजाज से समकपयात भाव से अपनी

           गावों की समस्याओं को सुलझाने में लगी हुई हैं।          इस अमृत िाल में सपने पूरे िरने
             ं
           आज ज्ान का क्षेत् देख लीकजए, कवज्ान का क्षेत् देख      में जो मेहनत लगने िाली है, अगर
                        े
           लीकजए, हमारे दि की नारी िल्क्त कसरमौर नजर आ            उसमें हमारी नारी शक््तत िी मेहनत
           रही है।                                                जुड़ जाएगी तो हमारी मेहनत

           ··आज हम पुकलस में देखें, हमारी नारी िल्क्त लोगों की    िम होगी, हमारी समय सीमा भी
         n
           सुरक्षा की कजम्मेदारी उठा रही है। हम जीवन के हर क्षेत्   िम हो जाएगी, हमारे सपने और
           में देखें, खेल-कद का मैदान देखें या युधि की भूकम देखें,   तेजस्िी होंगे, और ओजस्िी होंगे,
                      कू
           भारत की नारी िल्क्त एक नए सामर्यया, नए कवश्वास के

           साथ आगे आ रही है। मैं इसको भारत की 75 साल की           और दैदीप्यमान होंगे।
           यात्ा में जो योगदान है, उसमें अब कई गुना योगदान
                                                                  –िरेंद्र मोदी, प्रधािमंत्ी
           आने वाले 25 साल में देख रहा हूं। n





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