Page 10 - NIS Hindi February 01-15,2023
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आ्रण कथवा    पोषक अनवाज: अग्णी भवारत





                                                             नमलेटस देश में कोई नई चलीज नहीं है। पहले कम सुनवधाओं के बलीच
                                                           ग्रामलीण परिवेश में इस ििह का िाना-बाना होिा था नक ्ोटे नकसान भली

                                                           अपनली जरूिि के नहसाब से अनाज का उतपादन कििे थे। पारिवारिक
                                                           जरूिि पूिली किने के बाद जो अनाज बचिा था, उसे बाजाि में ले जािे
                                                           थे। खेिली में धलीिे-धलीिे जरादा लाभ कली प्रनिसपधाया हुई। खेिली आमदनली के
                                                           साधन के रूप में बदल गई औि इस बलीच नकसानों कली गेहूं व धान पि
                                                           ननभयाििा अनधक हो गई। भाििलीर नकसान देश को परायापि मात्रा में भोजन
                                                           उपलबध किाने में सक्म हैं, वहीं दुननरा को भली आपूनिया कि िहे हैं। अब
                                                           जब देश खाद्यान्न व बागवानली कली अनधकांश उपज के मामले में अग्रणली

                                                           है िो पोषक-अनाज कली ओि धरान नदरा जाना जरूिली है। आज पोषकिा
                                                           कली आव्रकिा है, अनुसंधान भली काफली गहिाई से हो िहा है, बािलीकली
                                                           से उसका नव्लेषण नकरा जा िहा है। जगह-जगह वराखरान हो िहे
                                                                                                    े
                                                                    ं
          सिी में एक बार आिे वाली महामारी                  हैं, नवद्ान नचिन कि िहे हैं औि कहा जा िहा है नक अच् सवास्थर के
                                                           नलए नमलेटस जरूिली है। इस संबंध में प्रधानमंत्रली मोदली का कहना है नक
           के बाि संघर्ष की स्थिनत िे निखाया               नमलेटस के नलए हमें काम किना चानहए। उनकली पहल पि रोग कली ििह

          है नक खाद्य सुरक्ा अभी भी पृथवी के               देश-दुननरा में नमलेटस को बढ़ावा नदरा जा िहा है। प्रधानमंत्रली मोदली के
                                                           आह्ान पि नमलेटस कली खपि बढ़ िहली है िो उतपादन भली बढ़ िहा है।
           नलए एक नचंता का नवरय है। जलवायु                   इस पृष्ठभूनम में भािि सिकाि को देश में पोषण सुिक्ा के ननमायाण

            पररवत्षि भी खाद्य उपलब्धता को                  में मोटे अनाज के महतव का अनुभव हुआ औि उसने इस नदशा में कई
                                                           प्ररास नकए। जैसे- मोटे अनाज को पोषक अनाज के रूप में मानरिा, वषया
         प्रभानवत कर सकता है। ऐसे समय में,                 2018 में िाषट्रलीर पोषक अनाज वषया समािोह, संरुकि िाषट्र महासभा में

          बाजरा से संबंन्धत वैस्वक आंिोलि

           एक महतवपयूण्ष किम है, कयोंनक इनहें

            आसािी से उगाया जा सकता है,

                                             यू
           यह जलवायु के अिुकूल और सखा
                       प्रनतरो्धी हैं।”

                – िरेंद्र मोिी, प्र्धािमंत्री
























          8  न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 फरवरी 2023वरी 2023
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