Page 9 - NIS Hindi February 01-15,2023
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आ्रण कथवा      पोषक अनवाज: अग्णी भवारत



                             भा            ििलीर लोकिंत्र का मंनदि कहली जाने वालली संसद में लगभग िेढ़ महलीने पहले




                                           रानली 20 नदसंबि को एक अनोखे सहभोज का आरोजन नकरा गरा था। देश
                                           के उपिाषट्रपनि, प्रधानमंत्रली, लोकसभा के अधरक्, पूवया प्रधानमंत्रली, संसद के
                                           दोनों सदनों के नेिा, नवनभन्न िाजनैनिक दलों के अधरक्, सांसदगण औि

                                           अनधकािली मौजूद थे। रह कोई िाजनैनिक आरोजन रा भोजन पि नमलन
                                      या
                                का कारक्रम भि नहीं था, बसलक इसका उद्े्र जन-जन के पोषण औि सवास्थर से जुड़ाव
                                था। इसके पली्े प्रधानमंत्रली निद् मोदली कली सोच िहली है नक भािि के प्राचलीन पोषक अनाज को
                                                     ें
                                भोजन कली थालली में पुन: सममानजनक सथान नमले। नजसकली प्रिलीकातमक पहल संसद भवन
                                से हुई जहां शलीषया सििलीर नलीनि-ननमायािा सवरं शानमल हुए। इस आरोजन का महतव इसनलए
                                भली बढ़ जािा है करोंनक 2023 के इस वषया को दुननरा अंिििाषट्रलीर पोषक अनाज वषया के रूप
                                में मना िहली है, नजसकली पहल भािि ने कली है।

                                       मोटा अनाज (नमलेटस) मानवजानि के नलए प्रकृनि कली अनमोल देन है िो 2023
                                को अंिििाषट्रलीर पोषक अनाज वषया के िौि पि मनाना नव्व मानविा के नलए नकसली उपहाि
                                से कम नहीं है। भाििलीर भोजन में मोटे अनाज का उपरोग किने कली पिंपिा िहली है, लेनकन
                                1960 के दशक में हरिि क्रांनि के जरिए खाद्य सुिक्ा को बढ़ावा देने के कािण मोटे अनाज
                                कली ििफ धरान कम हुआ। धलीिे-धलीिे इसकली ििफ धरान इिना कम हुआ नक रह न नसफ्फ
                                थालली से गारब हुआ बसलक खपि में कमली के कािण उतपादन भली कम हो गरा। हरिि क्रांनि
                                के पहले सभली फसलली अनाजों में मोटा अनाज लगभग 40 प्रनिशि होिा था, जो आने वाले
                                                                          े
                                वषशों में नगिकि लगभग 20 प्रनिशि िह गरा। पहले नजिने क्त्र में उसका उतपादन होिा था,
                                उसकली जगह वानणसजरक फसलों, दलहन, निलहन औि मकके ने ले लली। रह वानणसजरक

                                फसलें फारदेमंद हैं औि उनके उतपादन को कई नलीनिरों से समथयान नमलिा है, जैसे ससबसिली,
                                सिकािली खिलीद औि सावयाजननक नवििण प्रणालली में उनहें शानमल किना। इस सबके बलीच
                                खानपान कली आदि बदलने के साथ कैलोिली से भिपूि महलीन अनाज को थालली में प्राथनमकिा
                                दली जाने लगली।

































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