Page 14 - NIS Hindi 01-15 March 2022
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आिि्ण कथा    नािी िक्ि

                              अाम बजट में नारी शस्कत के नलए नई पहल
















                                                                       िलाओं की सुरक्
                                                                                    ा
                                                                                      आैर अ
                                                              की वृद्धि (मद्िलाओं की सुरक्ा आैर अद्िकाररता द्मशन)
                                                              की वृद्धि (म
                                                                       द्
                                                                                                  द्म
                                                                                                    शन
                                                                                                       )
                                                                                                ता
                                                                                          द्
                                                                                           िकार
                                                                                               र
                                                                 भारत की नारी आज अपने घरों
                                                                 से ननकलकर व्यवसा्य, उद्योग
                                                                          े
                                                                  जैसे क्त्ों में अपना दम-खम
                                                               नदखा रही है। वे आज आगे आकर
                                                                 टेकसटाइल, सटाट्टअप एवं अन्य
                                                                   क्त्ाें में बढ़-चढ़ कर अपनी
                                                                     े
                                                                 भागदारी सुननश्चत कर रही है।
                                                                     - नरेंद्र मयोदी, प्रधानमंत्ी






        के प्यासों से एक ऐसी वयवसथा का लनमातिण ह़ो रहा है लजसमें भेदभाव की   प्धानमंत्री नरेंद्र म़ोदी कहते हैं, “दुलनया जब अंधकार के गहरे दौर में
        क़ोई जगह नहीं है। एक ऐसे समाज का लनमातिण ह़ो रहा है जहां समानता   थी, मलहिाओं क़ो िेकर पुरानी स़ोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृशशकत
        और सामालजक नयाय की बुलनयाद मजबूत ह़ो रही है।         की पूजा, देवी के रूप में करता था। हमारे यहां गागगी, मैत्रेयी, अनुसूया,

        मपहला सि्िीकि्ण: नया अधयाय, नए आयाम                  अरुंधलत  और  मदािसा  जैसी  लवदुलषयां  समाज  क़ो  ज्ान  देती  थीं।
        एक समय था जब देश में मलहिा सशकतीकरण क़ो सीलमत दायरे में देखा   कलठनाइयों से भरे मधयकाि में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई
        जाता था। गांव और गरीब पररवारों की मलहिाएं इससे दूर थीं। िलकन बीते   जैसी महान नाररयां हुई। और अमृत मह़ोतसव में देश लजस सवाधीनता
                                                  े
        कु् वषमों में इस भेद क़ो खतम करने के लिए भी केंद्र सरकार ने काम लकया   संग्ाम के इलतहास क़ो याद कर रहा है, उसमें भी लकतनी ही मलहिाओं
        है। आज मलहिा सशकतीकरण का चेहरा व़ो 9 कऱोड़ गरीब मलहिाएं भी हैं   ने अपने बलिदान लदये हैं। लकत्तूर की रानी चेनममा, मतंलगनी हाजरा,
                                                                                                          े
        लजनहें पहिी बार गैस कनैकशन लमिा है और धुएं वािी रस़ोई से आजादी   रानी िक्मीबाई, वीरांगना झिकारी बाई से िेकर सामालजक क्त्र में
        लमिी है। आज मलहिा सशकतीकरण का चेहरा व़ो कऱोड़ों माताएं-बहनें   अहरयाबाई ह़ोरकर और सालवत्रीबाई फुिे तक, इन देलवयों ने भारत की
        भी हैं लजनहें सवच् भारत लमशन के तहत उनके घर में शौचािय लमिा   पहचान बनाए रखी।”
        है, लजसक़ो उत्तर प्देश में इज्जत घर कहा जाता है, लजनहें अपने सर पर   आतमपनर्चि रािि के केंद्र में नािी
        पहिी बार प्धानमंत्री आवास य़ोजना के तहत पकके मकान का ही नहीं   भारत की नारी शशकत का आतमलवशवास आज बढा है और अब वह खुद
        बशरक उसका मालिकाना हक भी लमिा है। इसी तरह, कऱोड़ों मलहिाओं   अपने भलवषय का लनधातिरण कर देश के भलवषय क़ो लदशा दे रही हैं। पहिे
        क़ो गभातिवसथा और प्सव के समय सहायता लमिती है, कऱोड़ों मलहिाओं   जब कभी लबजनेस की बात ह़ोती थी, त़ो उसका यही मतिब लनकािा
                                                                                                          े
        क़ो अपना जनधन बैंक खाता लमिा है और जब सरकार की सशबसडी सीधे   जाता था लक बड़े कॉरप़ोरे्ट और पुरुषों के काम की बात ह़ो रही है। िलकन
        मलहिाओं के बैंक खातों में जाती है, त़ो ये मलहिाएं, मलहिा सशकतीकरण   सच्चाई ये है लक सलदयों से भारत की ताकत हमेशा ़्ो्टे एमएसएमई के
        और बदिते हुये भारत का चेहरा बनती हैं।                रूप में सथानीय उद़्ोग रहे हैं। इन उद़्ोगों में लजतनी भूलमका पुरुषों की




          12  न्यू इडिया समाचार | 1-15 माच्च 2022
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