Page 23 - NIS Hindi september 01-15, 2022
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सामूडहक िक्ति स दुशनया
                                                                                            ये

                                                       की उम्ीद भारेत


                                                       भञारत में नई सञामूरहक चेतनञा कञा पुनजञा्यगरण नए
                                                       भञारत की ही नहीं, िुननर्ञा क नलए भी उम्ीि बनकर उभरञा
                                                                                े
                                                       ह क्ययोंकक नीकतर्यों कञा सञामर्थ और उसक प्कत भरोसे को
                                                                                            े
                                                                                   ्य
                                                        ै
                                                                       ै
                                                       भञारत ने बढ़ञार्ञा ह...







           130 करोड़ देशवासियों िे
           कई दशकों के अिुभव के                                  n  हमने कपछले कदनों एक और ताकत का अनुभव ककया है

           बाद स्स्र्र िरकार का महत्व                              और वो है भारत में सामूकहक चेतना का पुनजायागरण। एक
           क्या होता है, राजिीसतक                                  सामूकहक चेतना का पुनजायागरण आजादी के इतने संघषया में
           स्स्र्रता का महत्व क्या होता है,                        जो अमृत था, वो अब संजोया जा रहा है, संककलत हो रहा है।
                                                                   संक्कप में पररवकतयात हो रहा है, पुरुषाथया की पराकाष्ठा जुड़
           राजिीसतक स्स्र्रता दुसिया में                           रही है और कसकधि का मागया नजर आ रहा है।
           सकि प्रकार की ताकत सदखा                               n  चेतना का जागरण, ये पुनजायागरण, ये हमारी सबसे बड़ी
           िकती है, इिे िमझा है।                                   अमानत है। और ये पुनजायागरण देकखए 10 अगस्त तक

                                                                   लोगों को पता तक नहीं होगा िायद कक देि के भीतर कौन
                                                                   सी ताकत है। लेककन कपछले तीन कदन से कजस प्रकार से
                                                                   कतरंगे झंडे को लेकर कतरंगा की यात्ा को लेकर करके देि
                                                                   चल पड़ा है। बड़े-बड़े समाज कवज्ान के कविेषज् भी िायद
                                                                   क्कपना नहीं कर सकते कक मेरे देि के भीतर ककतना बड़ा

              आजादी िे इतने दशिों िे बाद पूरे                      सामथया है, एक कतरंगे झंडे ने कदखा कदया है। ये पुनचचेतना,
              किश्ि िा भारत िी तर्फ देखने िा                       पुनजायागरण का पल है।
              नजररया बदल चुिा है। किश्ि भारत                     n  जब जनता कफ्यूया के कलए कहंदुस्तान का हर कोना कनकल
              िी तर्फ गिमा से देख रहा है, अपेक्ा से                पड़ता है, तब उस चेतना की अनुभूकत होती है। जब देि
                                                                                                    ूं
                                                                                                         ूं
              देख रहा है। समस्याओं िा समाधान                       ता ली, थाली बजाकर कोरोना योधिाओं के साथ कधे से कधा
              भारत िी धरती पर दुकनया खोजने                         कमलाकर खड़ा होता है, तब चेतना की अनुभूकत होती है। जब
              लगी है। किश्ि िा यह बदलाि,                           दीया जलाकर िुभकामनाएं देने के कलए देि कनकल पड़ता है,
              किश्ि िी सोच में यह पररितमान 75                      तब उस चेतना की अनुभूकत होती है।
              साल िी हमारी अनुभि यात्रा िा                       n   दुकनया कोरोना के काल खंड में वैक्सीन लेना या न लेना,
              पररणाम है।                                           वैक्सीन काम की है या नहीं है, उस उलझन में जी रही थी।
                                                                   उस समय मेरे देि के गांव-गरीब भी दो सौ करोड़ डोज
             –िरेंद्र मोदी, प्रधािमंत्ी                            लेकर दुकनया को चौंका देने वाला काम करके कदखा देते हैं। ये
                                                                   ही चेतना है, ये ही सामर्यया है इस सामर्यया ने आज देि को नई
                                                                   ताकत दी है।



                                                                                    न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 डसतंबर 2022 21
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