Page 18 - NIS Hindi 01-15 July,2023
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आवीरण क्था जीए्सटी के 6 वीर् ्ज
सरकार-कारोिारर्यों के सार्
आम लोर्ों को भी फा्यदा
यू
जीएसटी लाग होने से टै्लस डसस्टमे मेें पारदडशथिता
और जवाबदेही बढ़ गई है। इससे एक तरफ
सरकार को सुडव्धा हो गई है, वहीं दसरी तरफ
यू
कारोबारर्यों और उपभो्लताओं के डलए भी ्यह
्थे, ्या तो वह ऊंची दरों पर टै्तस दे ्या भिर उसकी चोरी करे। उस फा्यदेमेंद साडबत हुई है :-
सम्य टै्तस की चोरी बड़े पैमाने पर होती ्थी। भारत में कई तरह
के बाजार ्थे। हर राज््य एक अलगो तरह का बाजार ्था ्त्योंभक आम िन को फा्यदा
वहां टै्तस की दरें अलगो-अलगो ्थीं। अंतरराज््यी्य टै्तस अप्रभावी
हो गोए ्त्योंभक ट्रकों को राज््यों की सीमाओं पर घंटों और कई बार n वस्तुओं पर तरहो-तरहो के टैक्स से छुटकारा र््मल गया होै।
तो कई भदनों तक इंतजार करना पड़ता ्था। जीएसटी से पहले टैक्स के ऊपर टैक्स खत््म होोने से वस्तुओं की लागत ्में
देश और राज््यों में जो टै्तस भसस्टम लागोू ्था, उसमें कारोबारर्यों अनाव्चयक बढ़ोतरी नहोीं होो पाती। इससे पहोले के ्मुकाबले
को कई तरह की कर व््यवस््था से गोुजरना पड़ता ्था। उदाहरण की्मतों ्में क्मी आई होै।
के भलए जैसे ही माल ि्तटरी से भनकलता ्था, सबसे पहले उस n जीवन के र्लए ज्यादा जरूरी चीजों पर टैक्स दर बेहोद क्म
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पर उत्पाद शुल्क चुकाना पड़ता ्था। कई सामानों पर अभतरर्तत रखी गई होै। इससे सा्मान्य लोगों के ज्यादा का्म आने वाली
उत्पाद कर अलगो से लगोता ्था। वही माल अगोर एक राज््य से चीजें सस्ते ्में र््मलती होै। गरीब और क्म आ्मदनी वाले
दूसरे राज््य में भेजा जा रहा है तो राज््य में घुसते ही एंट्री टै्तस लगोता लोगों को राहोत र््मल रहोी होै।
्था। इसके बाद जगोह-जगोह चुंभगो्यां अलगो से। माल बेचते सम्य n कारोबार का ज्यादा से ज्यादा र्होस्सा जीएसटी के दायरे
वैट चुकाना पड़ता ्था। कई मामलों में भबक्ी कर भी लगोता ्था। ्में आ जाने से सरकार की आ्मदनी बढ़ी । इस बढ़ी होुई
अगोर कोई सामान भवलाभसता (Luxury) की श्णी में आता है आ्मदनी को र्शषिा, स्वास््थ्य, पररवहोन जैसी आ्म लोगों की
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सुर्विाओं ्में सुिार के र्लए इस्ते्माल र्कया जा रहोा होै।
तो भवलाभसता कर अलगो से चुकाना पड़ता ्था। वह सामान अगोर
भकसी होटल ्या रेस्टोरेंट आभद में उपलब्ध करा्या जा रहा हो तो
सभव्जस टै्तस अलगो से देना पड़ता ्था। अलगो-अलगो राज््यों में एक
ही सामान पर टै्तस की दर अलगो-अलगो होने से कीमत भी अलगो
होती ्थी। ्यानी उपभो्तता के हा्थों तक पहुंचने से पहले भकसी जीएसटी से ग्राहक खच्ष मेें कमेी,
सामान ्या सेवा को कई तरह के टै्तस से गोुजरना होता ्था।
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जीएसटी लागोू होने के भदन से ही हालात में आमूल-चूल बचत मेें वृद्धि हुई ह। उपभोक्ा
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पररवत्जन आ्या। सभी 17 तरह के कर का एकीकरण हो गो्या। पूरा उत्ादों पर टक्स का बोझ कमे
भारत एक बाजार हो गो्या। अंतरराज््यी्य नाके हटा भदए गोए। इंट्री हुआ ह। दलनक प्रयोग की वस्ओ ं
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टै्तस खात्मे के बाद शहरों में प्रवेश सुगोम हो गो्या। भवभभन्न राज््य पर टक्स की दरों मेें कमेी हुई ह।
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मनोरंजन के नाम पर 35% से 110% तक टै्तस वसूल रहे ्थे।
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इसमें भारी कमी हुई। 235 आइटम पर पहले 31 प्रभतशत ्या उससे बवत्त मेंत्ालय क अध्यन क
अभधक टै्तस लगो रहा ्था। इनमें से 10 को ्छोड़कर सभी पर टै्तस मेुताबबक मेालसक घरेलू खच्ष पर
तुरंत घटाकर 28 प्रभतशत कर भद्या गो्या। उन 10 आइटम पर तो 4 प्रततशत की बचत हो रही ह।
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टै्तस घटाकर और भी कम ्यानी 18 प्रभतशत कर भद्या गो्या। बहुत
्थोड़े सम्य के भलए कई स्लैब बनाए गोए ्थे ताभक भकसी भी वस्तु
16 न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 जुलाई 2023