Page 16 - NIS Hindi 01-15 July,2023
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आवीरण क्था जीए्सटी के 6 वीर् ्ज





        टै्तस, एंटरटेनमेंट टै्तस जैसे तमाम अप्रत््यक्ष करों की परेशाभन्यों
        से ्छुटकारा भमला है, बक्ल्क इससे राज््यों के राजस्व के सा्थ-सा्थ
        केंद्र के राजस्व में भी वृभधि हुई है। एक अ्थ्ज क्ांभत के रूप में जीएसटी
        ने लंबी ्छलांगो लगोाई है। अप्रैल 2023 में सकल जीएसटी संग्ह
        अब तक का सबसे अभधक 1,87,035 करोड़ रुप्ये रहा जो अप्रैल
        2022 के अब तक के 1,67,540 करोड़ रुप्ये के सवा्जभधक संग्ह

        से अभधक है। अप्रैल 2023 के भलए जीएसटी राजस्व वर्ष्ज-दर-वर्ष्ज
        जीएसटी राजस्व से 12 प्रभतशत अभधक है।                             िीएसटी एक, फा्यदे अनेक
          एक अनुमान के मुताभबक देश में 8 करोड़ (आबादी का 11
        प्रभतशत) व््यापारी वगो्ज हैं, भजन्हें जीएसटी ने प्रत््यक्ष-अप्रत््यक्ष रूप से   1. उत्पादन की िजायो अि उपभोग पर टैक्स
        लाभ पहुंचा्या है। जीएसटी से ग्ाहक के खच्ज में कमी, बचत में वृभधि   जीएसटी ्में टैक्स की वसूली तब होोती होै, जब र्कसी सा्मान या
        हुई है। उपभो्तता उत्पादों पर टै्तस का बोझ कम हुआ है। दैभनक   सेवा को बेचा जाता होै। वस्तु या सेवा की अंर्त्म की्मत ्में उस पर
        प्र्योगो की वस्तुओं पर टै्तस की दरों में कमी हुई है। भवत्त मंत्राल्य के   र्निामिररत जीएसटी शार््मल होोता होै। वस्तु या सेवा की सप्लाई देने
        अध््य्यन के मुताभबक माभसक घरेलू खच्ज पर 4 प्रभतशत की बचत   वाला (व्यापारी), इसे सप्लाई लेने वाले (ग्ाहोक) से वसूलता होै। बाद
        हो रही है। जीएसटी अब एक ऐसा सुधार बन चुका है भक भजसने   ्में इसे सरकार के खाते ्मे ज्मा कर देता होै। ्मतलब यहो जीएसटी
                                                                              े
        ईज ऑि डइंगो भबजनेस को बढ़ावा भद्या है। इस सुधार ने भारत को   की वसूली की र्जम््मदारी सा्मान या सेवा देने वाले पर होोती होै।
                 टू
        समान कर प्रणाली के एक सूत्र में बांधा है। इससे देश में कारोबारी   2. इनपुट क्ेतडट तसस्टम से टैक्स वापसी
                           ्ज
        गोभतभवभध्यां बढ़ी है, आभ्थक समृभधि का न्या दौर आ्या है और देश   र्कसी वस्तु के उत्पादन से लेकर, अंर्त्म उपभोक्ता के होार्
        की जीडीपी में लगोातार बढ़ोतरी हो रही है। अगोर इसे आसान शब्दों में   पहोुंचने तक कई बार खरीदे-बेचे जाने की प्र्क्या होोती होै। अब
        कहा जाए तो जीएसटी प्रणाली से भारत में कर व््यवस््था सुगोम हुई है,   चूंर्क जीएसटी र्सस्ट्म ्में होर खरीद-र्बक्ी पर टैक्स चुकाना
        कारोबारर्यों में न्या भरोसा जागोा है। भारत में व््यापार करना आसान   पड़ता होै। ऐसे ्में वस्तु अंर्त्म उपभोक्ता तक पहोुंचने तक बहोुत
                                                                ्महोंगी होो जानी चार्होए लेर्कन ऐसा होोता नहोीं होै। क्योंर्क इस्में
        हुआ है। इतना ही नहीं, अमृत लक्ष्य के सा्थ आगोे बढ़ रहा भारत 5   इनपुट क्ेर्डट र्सस्ट्म लागू होोता होै। इस र्सस्ट्म ्में आर्खरी

        भट्रभल्यन की अ्थ्जव््यवस््था और भवकभसत भारत बनने के भजस लक्ष्य   स्टेज पर टैक्स लगने से पहोले जहोां-जहोां उस वस्तु पर टैक्स
        को लेकर अग्सर है, उसमें जीएसटी मील का पत््थर साभबत होने   ज्मा र्कया गया होै, उसको वापस पाने की भी व्यवस्र्ा होै।
        वाला है। गोुड्स एंड सभव्जसेज टै्तस (जीएसटी) को पहली जुलाई   n  उदाहोरण के र्लए, अगर आप अंर्त्म या वास्तर्वक उपभोक्ता
        2017 से लागोू भक्या गो्या ्था। अब इसके 6 वर्ष्ज पूरे हुए हैं। इसकी   नहोीं होैं और पहोले के र्कसी चरण ्में आपने जीएसटी ज्मा
        सिलता को बेहतर समझने के भलए पूरी ्यात्रा को जानना जरूरी है।   र्कया होै तो उसके बदले आपको क्ेर्डट र््मलते होैं। इन क्ेर्डट
                                                                   का इस्ते्माल आप सरकार को जीएसटी भुगतान करते स्मय
                                                                   कर सकते होैं।

                                                                n  होर ्महोीने जीएसटी ररटनमि भरने के दौरान आप टैक्स क्ेर्डट
                                                                   र्सस्ट्म के ्माध्य्म से अपने क्ेर्डट का स्मायोजन करा
                                                                   सकते होैं।





                                                             जीए्सटी: पूवी्ज और बाद की क्स््थढ़त

                                                             जीएसटी से पहले भारत में दुभन्या की सबसे खराब अप्रत््यक्ष कर
                                                             व््यवस््था ्थी। केंद्र और राज््य सरकारों को भी कई तरह के टै्तस
                                                             लगोाने के अभधकार ्थे। कुल भमलाकर 17 तरह के बड़े टै्तस ्थे।
                                                             इसभलए भकसी भी कारोबारी को 17 इंस्पे्तटर, 17 ररटन्ज और 17





         14  न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 जुलाई 2023
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