Page 21 - NIS Hindi 01-15 July,2023
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्स्सद भवीन का ्सेंट्रल हॉल : यह उ्स ऐढ़तहाढ़्सक पल की भव्य तस्वीीर ह जब 30 जून-एक जुलाई
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2017 की मध्य राढ़त्र को देश में जीए्सटी लांच की गई ्थी।
उसका दोर्षपूण्ज मॉडल ्था। इसके दो महत्वपूण्ज कारण ्थे। तब
एकल कर प्रणाली को अपनाने की भदशा में कदम उिाते हुए राज््यों
से सीएसटी को समाप्त करने के भलए कहा गो्या ्था। राज््यों से वादा
भक्या गो्या ्था भक सीएसटी को समाप्त करने के बदले में कु्छ वर्षषों
तक उन्हें मुआवजा भद्या जाएगोा। राज््यों ने तदनुसार ऐसा ही भक्या,
लेभकन सीएसटी के बदले में मुआवजा देने का वादा पूरा नहीं हुआ। आज दश मेें वो सरकार ह जो राष्ट् रहत मे ें
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जब मई 2014 में अरुण जेटली ने कद्री्य भवत्त मंत्री के रूप में बड़ से बड़ा जोखखमे उठाने क ललए तैयार
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पदभार संभाला, तब सभी राज््यों ने उनसे कहा भक जीएसटी पर ह। जीएसटी तो इतने सालों तक अटका ही
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तभी चचा्ज होगोी जब सीएसटी से जुड़ा भप्छला मुआवजा भमलेगोा।
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नई सरकार ने राज््य सरकारों का भरोसा हाभसल करते हुए तत्काल इसललए क्योंबक जो पहल सरकार मेें थे वो
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मुआवजा अदा भक्या और इसके सा्थ ही जीएसटी पर बात आगोे राजनीततक जोखखमे लने की रहम्मत नहीं
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बढ़ने लगोी। जुटा पाए। हमेने न लसफ जीएसटी लाग ू
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दूसरा कारण ्यह ्था भक राज््यों के मन में ्यह संश्य ्था भक बकया बल्कि आज हमे ररकॉड जीएसटी
जीएसटी को पूरी तरह से लागोू करने के दौरान उन्हें राजस्व का कलक्शन होते दख रह ह। ैं
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नुकसान उिाना पड़ेगोा। ऐसे में सवाल ्यह ्था भक राज््यों को
नुकसान की भरपाई भकस तरह से की जाएगोी। उनकी मांगो जा्यज - नरेेंद्र मोदी, प्रधानमंत्ी
प्रतीत होती ्थी, इसका हल पहले नहीं भनकाला गो्या। भवशेर्षकर
न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 जुलाई 2023 19