Page 22 - NIS Hindi 01-15 July,2023
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आवीरण क्था जीए्सटी के 6 वीर् ्ज





                                                                व््यापार का न्या वैक्श्वक केंद्र भारत



                                                               2nd       सबसे बड़ा कपड़ा और      3  rd
                                                                         गार्मेंट एक्सपोट्डर।
                                                                                               स्टाट्डअप

                                                                2nd       सबसे बड़ा ्मोबाइल     इकोर्सस्ट्म र्बजनेस
                                                                          र्न्मामिता, 32 करोड़ ्मोबाइल
                                                                                               और इनोवेशन पर
                                                                          का र्न्मामिण (2021-2022)  बढ़ा जोर।
                     41.53                                        40 वां     स्र्ान, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स रर्कंग, 2015
                                                                                                     ैं
                                                                             के बाद से 40 पायदान की छलांग लगाई होै।


         लाख करदाताओं और 67 हजार ट्ांसपोट्डरों ने वर््ष         38 वां     स्र्ान वल्ड्ड वैक्स लॉर्जश्स्टक परफॉ्मवेस

         2022 तक ई-वे बबल पोट्डल पर नामेांकन कराया।                        इंडेक्स-2023, 139 देशों ्में र्स्र्र्त ्मजबूत।

                                      300-325                   USD        770 र्बलयन एक्सपोट्ड, न्यूजीलैंड की अर्व्यवस्र्ा
                                                                                                      मि
                                       भकमी/दैभनक                          से 3 गुना ज्यादा होै भारत का एक्सपोट्ड।
                            225                                            सबसे अच्छी अर्व्यवस्र्ा-र्वदेशी र्बजनेस के
             ट्रकों की िढ़ गई   स्पीड, घटा प्रदूर्र्  भकमी/दैभनक  जीएसटी   7 वीं  अनुकल AUNCTAD वल्ड्ड इनवेंस्ट्मेंट ररपोट्ड।
                                                                                      मि
                                                                               रू


                           जीएसटी
                           के पहले
                                         के बाद
                                                                  पांच साल तक राज्यों क राजस्व
                                                                                             े
          ई-वे र्बल र्सस्ट्म से अंतरराज्यीय बािाएं दूर होुई होैं। होर ्महोीने   मेें 14% की वृद्धि संरलक्षत।
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          7.81 करोड़ से अर्िक ई-वे र्बल जारी होोते होैं। इसका फास्ट टैग   जीएसटी (राज्यों को मेुआवजा)
          के सार् एकीकरण र्कया गया र्जससे ्माल की आवाजाहोी तेज    अतधलनयमे, 2017 क अनुसार
                                                                                         े
          और र्नबामिि होुई होै।
          जीएसटी के पहोले भारत ्में सा्मान पर लॉर्जश्स्टक्स लागत करीब   राज्यों को पांच वर््ष की अवतध
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                                                                    े
          14% होोता र्ा जबर्क वैश््चवक स्तर पर 6-8%। जीएसटी के बाद   क ललए 1 जुलाई, 2017 से
          यहो 10-12% रहो गया होै।                                 काया्षन्वयन क कारण होने वाल          े
                                                                                   े
                                                                             े
                                                                  राजस्व क नुकसान की भरपाई
        तभमलनाडु, गोुजरात, महाराष्ट्र और कना्जटक जैसे भवभनमा्जण वाले   करने की आवश्यकता ह। इस
                                                                                              ै
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        राज््य  इसको  लेकर  कािी  भचभतत  ्थे।  उन्होंने  स्पष्ट  कहा  भक
        ‘मुआवजा नहीं तो जीएसटी नहीं’। ऐसे में 2014 के बाद नई केंद्र   अवतध मेें राज्यों का राजस्व आधार
        सरकार ने जीएसटी पररर्षद में भवचार-भवमश्ज करने के बाद राज््यों   वर््ष 2015-16 की तुलना मेें 14%

        को कु्छ भी राजस्व नुकसान होने पर प्र्थम पांच वर्षषों तक राजस्व   की वाबर्थिक वृद्धि दर संरलक्षत की
        में 14 प्रभतशत की वृभधि करने पर सहमभत दे दी। राज््यों ने इस   जाती ह। लजतनी कमेी रहती ह,
                                                                                                    ै
                                                                          ै
        प्रस्ताव को स्वीकार कर भल्या और इस तरह जीएसटी लागोू करने   उतना मेुआवजा ददया जा रहा ह।
                                                                                                     ै
        के भलए राज््यों का भरोसा जीतने में सिल हो गोए। आम सहमभत




         20  न््ययू इंडि्या समाचार   1-15 जुलाई 2023
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