Page 51 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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राष्ट्र  प्रधनामंत्री का बलॉग





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                                                                                                  े
                                                               गममी क ददनों में पक्षियों क मलए
                                                               दाना और पानरी जरूर रििरी थीं।

                                                               स्ट्रीट डॉग्स भूिे ना रह, मां इसका
                                                                                             ें
                                                               भरी ियाल रििरी थीं।



                                                                 को नुकसान ना पहुंचे, इसनलए मां जमलीन पि बतयान िख
                                                                 नदरा कितली थीं। छत से टपकता हुआ पानली उसमें इकट्ा
                                                                 होता िहता था। उन पलों में भली मैंने मां को कभली पिेशान
                                                                 नहीं देखा, खुद को कोसते नहीं देखा। आप रे जानकि
                                                                 हैिान िह जाएंगे नक बाद में उसली पानली को मां घि के काम
                                                                 के नलए अगले 2-3 नदन तक इट्तेमाल कितली थीं। जल

                                                                 संिक्ण का इससे अचछा उदाहिण करा हो सकता है।
                                                                    मां को घि सजाने का, घि को सुंदि बनाने का भली
                                                                 बहुत शौक था। घि सुंदि नदखे, साफ नदखे, इसके नलए
                                                                 वो नदन भि लगली िहतली थीं। वो घि के भलीति कली जमलीन
                                                                 को गोबि से ललीपतली थीं। आप लोगों को पता होगा नक जब
                                                                 उपले रा गोबि के कंिे में आग लगाओ तो कई बाि शुरू
                                                                 में बहुत धुआं होता है। मां तो नबना नखड़कली वाले उस घि

                                                                 में उपले पि हली खाना बनातली थीं। धुआं ननकल नहीं पाता
                                                                 था इसनलए घि के भलीति कली दलीवािें बहुत जलदली कालली हो
                                                                 जारा कितली थीं। हि कुछ हफतों में मां उन दलीवािों कली भली
                                                                 पुताई कि नदरा कितली थीं। इससे घि में एक नरापन सा
                                                                 आ जाता था। मां नमट्ली कली बहुत सुंदि कटोरिरां बनाकि
                                                                 भली उनहें सजारा कितली थीं। पुिानली चलीजों को िलीसारनकल
                                                                 किने कली हम भाितलीरों में जो आदत है, मां उसकली भली
                                                                 चैंनपरन िहली हैं। उनका एक औि बड़ा हली ननिाला औि
                                                                 अनोखा तिलीका मुझे राद है। वो अकसि पुिाने कागजों को

                                                                 नभगोकि, उसके साथ इमलली के बलीज पलीसकि एक पेट्ट
                                                                 जैसा बना लेतली थीं, नबलकुल गोंद कली तिह। नफि इस पेट्ट
                                                                 कली मदद से वो दलीवािों पि शलीशे के टुकड़े नचपकाकि
                                                                 बहुत सुंदि नचत्र बनारा कितली थीं। बाजाि से कुछ-कुछ
                                                                 सामान लाकि वो घि के दिवाजे को भली सजारा कितली
                                                                 थीं।
                                                                    मां इस बात को लेकि हमेशा बहुत ननरम से चलतली थीं

                                                                 नक नबट्ति नबलकुल साफ-सुथिा हो, बहुत अचछे से नबछा
                                                                 हुआ हो। धूल का एक भली कण उनहें चादि पि बदायाशत
                                                                 नहीं था। थोड़ली सली सलवट देखते हली वो पूिली चादि नफि




                                                                                    न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 जुलाई 2022 49
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