Page 25 - NIS Hindi september 01-15, 2022
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पंच प्ण: 25 साल की
यात्रा का अमृत मंत्र
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अब जब िि संकल्पित ह- ‘बड़ संकपि लकर ही चलगञा’
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ऐसे में लञाल ककल की प्ञाचीर से अमृत कञाल क नलए
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प्धञानमत्री मोिी ने दिर्ञा ‘पंच प्ण’ कञा मंत्र...
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तीि िाम्थ्य्ष के रूप म ें
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देखता हं, और यह सत्-शस्क्त
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है आकाक्षा की, पिजा्षगरण
की और सवश्व के उम्मीदों पहला प्ण
की। इिे पूरा करिे और अब देश बड़े संिल्प लेिर ही चलेगा।
एक सवश्वाि जगािे म मेर े बहुत बड़े संिल्प लेिर चलना होगा। और
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देशवासियों की बहुत बड़ी िो बड़ा संिल्प है कििकसत भारत, अब
उससे िुछ िम नहीं होना चाकहए।
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भसमका है।
किसी भी िोने में हमारे मन िे भीतर, हमारी आदतों िे भीतर गुलामी िा एि भी अंश अगर अभी भी
िोई है तो उसिो किसी भी हालत में बचने नहीं देना है। अब शत-प्कतशत, शत-प्कतशत सैिड़ों साल
िी गुलामी ने जहां हमें जिड़ िर रखा है, हमें हमारे मनोभाि िो बांध िर रखा हुआ है, हमारी सोच में
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कििकतयां पैदा िर रखी हैं। हमें गुलामी िी छोटी से छोटी चीज भी िहीं नजर आती है, हमारे भीतर नजर
दूसरेा प्ण
दूसरेा प्ण
आती है, हमारे आस-पास नजर आती है हमें उससे मुक््तत पानी ही होगी।
िो है एिता और एिजुटता। 130 िरोड़ देशिाकसयों
में एिता, न िोई अपना न िोई पराया, एिता िी
ताित, ‘एि भारत-श्ेष्टठ भारत’ िे सपनों िे कलए
तीसरेा प्ण
चौथा प्ण हमारा चरौथा प्ण है।
हमें हमारी किरासत पर गिमा होना चाकहए, हमारी
किरासत िे प्कत ्तयोंकि यही किरासत है कजसने पांचिां प्ण है नागररिों िा ितमाव्य, कजसमें
िभी भारत िो स्िकणमाम िाल कदया था। और यही प्धानमंत्री भी बाहर नहीं होता, मुख्यमंत्री भी
किरासत है जो समयानुिकूल पररितमान िरने िी बाहर नहीं होता िो भी नागररि है। नागररिों
आदत रखती है। यही किरासत है जो िाल-बाह्य पांचवां प्ण िा ितमाव्य। ये हमारे आने िाले 25 साल िे
पांचवा प्ण छोड़ती रही है। कनत्य नूतन स्िीिारती रही है। और सपनों िो पूरा िरने िे कलए एि बहुत बड़ी
इसकलए इस किरासत िे प्कत हमें गिमा होना चाकहए। प्ण शक््तत है।
न््ययू इंडि्या समाचार 1-15 डसतंबर 2022 23