Page 50 - NIS Hindi 01-15 July 2022
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राष्ट्र  प्रधनामंत्री का बलॉग






                                      ै
           मां एक व्यक्ति नहीं ह, एक
           व्यक्तित्व नहीं ह, मां एक
                               ै
           स्वरूप ह।  हमारे यहां कहिे ह,
                      ै
                                                 ैं
           जैसा भति िैसा भगिान।


          प्रभानतरां गुनगुनातली िहतली थीं। निसली मेहता जली का एक
          प्रनसधि भजन है “जलकमल छांिली जाने बाला, ट्वामली
          अमािो जागशे” वो उनहें बहुत पसंद है। एक लोिली भली है,
          “नशवाजली नु हालििु”, मां रे भली बहुत गुनगुनातली थीं।
             मां कभली अपेक्ा नहीं कितली थीं नक हम भाई-बहन
          अपनली पढ़ाई छोड़कि उनकली मदद किें। वो कभली मदद

          के नलए, उनका हाथ बंटाने के नलए नहीं कहतली थीं। मां
          को लगाताि काम किते देखकि हम भाई-बहनों को खुद
          हली लगता था नक काम में उनका हाथ बंटाएं। मुझे तालाब
          में नहाने का, तालाब में तैिने का बड़ा शौक था इसनलए
          मैं भली घि के कपड़े लेकि उनहें तालाब में धोने के नलए
          ननकल जाता था। कपड़े भली धुल जाते थे औि मेिा खेल
          भली हो जाता था।

             घि चलाने के नलए दो चाि पैसे जरादा नमल जाएं,
          इसके नलए मां दूसिों के घि के बतयान भली मांजा कितली थीं।
          समर ननकालकि चिखा भली चलारा कितली थीं करोंनक
          उससे भली कुछ पैसे जुट जाते थे। कपास के नछलके से रूई
          ननकालने का काम, रुई से धागे बनाने का काम, रे सब
          कुछ मां खुद हली कितली थीं। उनहें िि िहता था नक कपास
          के नछलकों के कांटें हमें चुभ ना जाएं।
             अपने  काम  के  नलए  नकसली  दूसिे  पि  ननभयाि  िहना,
          अपना काम नकसली दूसिे से किवाना उनहें कभली पसंद नहीं

          आरा। मुझे राद है, विनगि वाले नमट्ली के घि में बारिश
          के मौसम से नकतनली नदककतें होतली थीं। लेनकन मां कली
          कोनशश िहतली थली नक पिेशानली कम से कम हो। इसनलए
          जून के महलीने में, कड़ली धूप में मां घि कली छत कली खपिैल
          को ्ठलीक किने के नलए ऊपि चढ़ जारा कितली थीं। वो
          अपनली तिफ से तो कोनशश कितली हली थीं लेनकन हमािा
          घि इतना पुिाना हो गरा था नक उसकली छत, तेज बारिश

          सह नहीं पातली थली।
             बारिश में हमािे घि में कभली पानली रहां से टकपता था,
          कभली वहां से। पूिे घि में पानली ना भि जाए, घि कली दलीवािों




          48  न्यू इंडि्ा समाचार   1-15 जुलाई 2022
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